सिवनी
जिला कांग्रेस अध्यक्ष राजकुमार खुराना ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुये कहा कि मोदी सरकार ने एक बार फिर केन्द्रीय बजट में झांसा और जुमलो का मायाजाल रचाा है, इस बजट में गरीब, मजदूर, महिला एवं किसानो के लिए कोई मजबूत राहत प्रदान नहीं की गई है। बजट बहुत ही निराशाजनक है बजट में किसानो के लिए कर्ज मॉफी का कोई प्रावधान नही है ना ही देश में बढ़ते शिक्षित युवाओं के लिए रोजगार की कोई ठोस योजना है, देश में जिस तरह से मंहगाई बढ़ रही हैे बजट में मंहगाई पर कोई राहत प्रदान नही की गई। केन्द्र में जब से मोदी सरकार सत्ता पर काबिज है तब से केवल उद्योगपतियों को बढ़ावा देने का काम होता रहा है हर बार की तरह इस बार भी केवल उद्योगपतियों को ही फायदा पंहुचाया गया है। बिहार चुनाव को ध्यान में रखते हुये यह बजट तैयार किया गया है ।
मध्यप्रदेश के हाथ में बजट से निराशा ही लगी है, 7 लाख के स्थान पर 12 लाख रू. तक इंकम टैक्स आयकर मुक्त कर भाजपा अपनी पीठ थपथपा रही है। सरकार को यह सोचना चाहिये कि भारत में जहॉ 80 करोड़ लोग 5 किलो राशन पर निर्भर है वहॉ 1 लाख रू. प्रति माह कितने लोगो की आय होगी। सरकारी आंकडे बताते है कि भारत में लगभग 3 करोड़ लोग 1 लाख रूपये प्रति माह कमाते है 12 लाख रू. वार्षिक आयकर में छूट का लाभ पाने वालो की संख्या देश में बहुत कम है।
कांग्रेस अध्यक्ष राजकुमार खुराना ने आगे बताया कि मोदी जी द्वारा कहा गया था कि 2022 तक हर कच्चा मकान पक्का बना देगें। शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों प्रधानमंत्री आवास के लिए दी जाने वाली राशि में एक लाख रू. का अंतर है शहरी क्षेत्र में पीएम आवास बनाने के लिए 2 लाख 50 हजार की राशि एवं ग्रामीण क्षेत्र में 1 लाख 50 हजार रू. की राशि दी जाती है जबकि मकान बनाने में दोनों ही जगह एक सी लागत आती है इस अंतर को भी बजट में खत्म नही किया गया है। 2025 के बजट में गरीबो के आवास के संबंध में कोई बहुत ज्यादा प्रावधान नहीं किया गया है, ग्रामीणों को रोजगार देने वाली महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के बारे में कोई बात नही की। देश में बढ़ती मंहगाई, बेरोजगारी, अर्थव्यवस्था को लेकर सरकार का ध्यान इस बजट में बिलकुल नहीं रहा, आदिवासियों के विकास के लिए चलाई जा रही योजनाओं पर बजट में कमी की गई, किसानों की आय दोगुनी करने की बात करने वालों ने इस बजट में भी किसानों की फसल के समर्थन मूल्य पर कोई बात नहीं की गई कृषि उपकरणों में भी जीएसटी कम नही की गई। मोदी सरकार के इस बजट से गरीबो, आमजनता, किसानों के हिस्से में सिर्फ और सिर्फ निराशा ही हाथ लगी है।।