* न्याय मिला, पद पर बनी रहेंगी श्रीमती प्रेमवती वाटिया
* कलेक्टर के आदेश पर महिला कर्मचारी की सेवा यथावत
सिवनी
आखिरकार लंबे विवाद और संघर्ष के बाद एकलव्य आवासी विद्यालय की पदस्थ श्रीमती प्रेमवती वाटिया को न्याय मिल गया है। कलेक्टर के निर्देश पर उनकी सेवा यथावत रखने का आदेश जारी कर दिया गया है।
जानकारी के अनुसार 9 अगस्त को आदिवासी दिवस के मौके पर एकलव्य विद्यालय में कार्यक्रम के दौरान प्राचार्य विष्णु प्रसाद शुक्ला और मुनिया उइके के बीच विवाद सामने आया था। बताया जाता है कि मुनिया उइके को कार्यक्रम में भाव न मिलने से नाराज होकर प्राचार्य विष्णु प्रसाद शुक्ला ने मुनिया उइके और महिला कर्मचारी प्रेमवती वाटिया की सेवाएं समाप्त कर दी थीं।
इस कार्रवाई से आदिवासी समाज में आक्रोश फैल गया और मामला कलेक्टर तक पहुंचा। कलेक्टर के निर्देश पर सहायक आयुक्त एस.आर. मरावी ने जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत की। जांच में पाया गया कि श्रीमती प्रेमवती वाटिया को बिना सक्षम समिति की संस्तुति और विभागीय नियमों का पालन किए सेवा से पृथक करना गलत था।
इसके बाद आदिवासी विकास विभाग ने स्पष्ट आदेश जारी करते हुए प्रेमवती वाटिया को उनके पद पर यथावत रखने का निर्देश दिया।
इस निर्णय से आदिवासी समाज और विद्यालय से जुड़े कर्मचारियों में हर्ष की लहर है। लोगों का कहना है कि यह आदेश न केवल एक महिला कर्मचारी को न्याय दिलाने वाला है, बल्कि आगे आने वाले समय में इस तरह की मनमानी रोकने में भी सहायक होगा ।।