सिवनी जिले में बिना रेरा रजिस्ट्रेशन के बिक रहे प्लॉट्स: नियमों की अनदेखी जारी
सिवनी जिले में बिना रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) के पंजीकरण के प्लॉट्स की बिक्री जोर-शोर से जारी है। जिले के विभिन्न क्षेत्रों में बिना वैधानिक अनुमति के विकसित की जा रही कॉलोनियों में प्लॉट बेचे जा रहे हैं। यह न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि खरीदारों को भी जोखिम में डालता है।

बिना रेरा के कॉलोनियों का विस्तार
रेरा अधिनियम 2016 के तहत किसी भी रियल एस्टेट परियोजना का पंजीकरण आवश्यक है। लेकिन सिवनी जिले में कई छोटे और बड़े कॉलोनी डेवलपर्स इस नियम का पालन नहीं कर रहे हैं। ऐसे प्लॉट्स की बिक्री से न केवल राजस्व का नुकसान हो रहा है, बल्कि नागरिकों को बुनियादी सुविधाओं के अभाव का सामना भी करना पड़ सकता है।
खरीदारों के लिए खतरा
बिना रेरा रजिस्ट्रेशन वाले प्लॉट्स खरीदने वाले खरीदारों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है:
1. विधिक जटिलताएं: रजिस्ट्रेशन न होने पर खरीदार कानूनी विवाद में फंस सकते हैं।
2. बुनियादी सुविधाओं की कमी: पानी, बिजली, सड़क जैसी सुविधाएं अक्सर इन कॉलोनियों में नहीं होतीं।
3. प्लॉट का वैधता प्रश्न: भूमि के स्वामित्व और उपयोग की वैधता को लेकर सवाल खड़े हो सकते हैं।
प्रशासन की लापरवाही
स्थानीय प्रशासन और संबंधित विभाग इस समस्या से अवगत होने के बावजूद इसे रोकने में असफल नजर आ रहे हैं। नियमों का उल्लंघन करने वाले डेवलपर्स पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है।
जनता की अपील
स्थानीय नागरिकों ने प्रशासन से इस मुद्दे पर कार्रवाई करने की मांग की है। उन्होंने अपील की है कि बिना रेरा रजिस्ट्रेशन के कॉलोनियों के निर्माण और बिक्री पर रोक लगाई जाए और दोषी डेवलपर्स के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएं।
रेरा रजिस्ट्रेशन क्यों है जरूरी?
रेरा (रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी) का गठन 2016 में रियल एस्टेट सेक्टर को अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनाने के लिए किया गया था। इसका उद्देश्य है कि रियल एस्टेट में हो रहे धोखाधड़ी और अनियमितताओं को रोका जा सके और खरीदारों के हितों की सुरक्षा की जा सके। रेरा के तहत रजिस्ट्रेशन किसी भी रियल एस्टेट परियोजना के लिए अनिवार्य है।
रेरा रजिस्ट्रेशन के लाभ
1. खरीदारों का अधिकार और सुरक्षा
रेरा पंजीकरण से परियोजनाओं में पारदर्शिता बढ़ती है। इससे खरीदारों को सही जानकारी मिलती है, जैसे परियोजना की समयसीमा, लागत, और स्वीकृतियां।
2. फर्जी परियोजनाओं से बचाव
रेरा में पंजीकृत परियोजनाएं पूरी तरह से वैध होती हैं। यह खरीदारों को ऐसे डेवलपर्स से बचाती है जो अधूरी या अवैध परियोजनाएं बेचते हैं।
3. समय पर परियोजना का पूरा होना
रेरा के तहत पंजीकृत परियोजनाओं को तय समय सीमा में पूरा करना अनिवार्य है। समय पर काम पूरा न होने पर खरीदार मुआवजे का दावा कर सकते हैं।
4. कानूनी सुरक्षा
रेरा के तहत पंजीकरण करने वाले डेवलपर्स और खरीदारों के अधिकार और कर्तव्य स्पष्ट रूप से परिभाषित होते हैं। अगर डेवलपर नियमों का उल्लंघन करता है, तो खरीदार रेरा के जरिए कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं।
5. पैसों का दुरुपयोग रोकता है
डेवलपर को खरीदारों से मिलने वाली राशि का 70% एक अलग बैंक खाते में रखना होता है, जिसे केवल निर्माण कार्य में खर्च किया जा सकता है। इससे ग्राहकों के पैसे का दुरुपयोग नहीं होता।
रेरा के बिना प्रोजेक्ट खरीदने के खतरे
कानूनी जटिलताएं: बिना रेरा पंजीकरण के प्रोजेक्ट में निवेश करना अवैध हो सकता है।
धोखाधड़ी का जोखिम: परियोजना अधूरी या फर्जी साबित हो सकती है।
कोई मुआवजा नहीं: अगर परियोजना में देरी या अन्य समस्याएं होती हैं, तो खरीदार रेरा का सहारा नहीं ले सकते।
बुनियादी सुविधाओं का अभाव: ऐसे प्रोजेक्ट्स में पानी, बिजली, सड़क जैसी जरूरी सुविधाएं नहीं होतीं।
रेरा रजिस्ट्रेशन कैसे जांचें?
रेरा की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर प्रोजेक्ट या डेवलपर की जानकारी जांचें।
परियोजना के रेरा नंबर की वैधता की पुष्टि करें।
निष्कर्ष
रेरा रजिस्ट्रेशन खरीदारों के लिए एक सुरक्षा कवच की तरह है, जो उन्हें धोखाधड़ी और आर्थिक नुकसान से बचाता है। अगर आप किसी रियल एस्टेट परियोजना में निवेश करने की सोच रहे हैं, तो सबसे पहले उसका रेरा पंजीकरण सुनिश्चित करें। रेरा पंजीकरण न केवल आवश्यक है, बल्कि एक सुरक्षित निवेश के लिए जरूरी भी है।।