कला और हुनर के अदभुत संगम से कला प्रेमियों और पर्यटकों का सीधा संवाद
खजुराहो नृत्य समारोह के दौरान कला और हुनर के अदभुत संगम से कला प्रेमियों और पर्यटकों का साक्षात्कार और सीधा संवाद स्थापित हो रहा है। ‘हुनर’ और ‘आर्ट मार्ट’ के माध्यम से पर्यटकों का मध्यप्रदेश के विभिन्न अंचलों में प्रचलित शिल्प और कलाओं से भी परिचय कराया जा रहा है। जहाँ हुनर देशज कला का शिल्प मेला है, वहीं ‘आर्ट मार्ट’ ‘नारी की सृजनात्मकता’ पर केंद्रित महिला कलाकारों की अनुपन कृतियों की प्रर्दशनी है। समारोह स्थल पर प्रदर्शनियों और मेले के माध्यम से विक्रय हो रही क्रॉफ्ट और शिल्प सामग्री पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र बने हुए है।
‘हुनर’ – देशज कला का शिल्प मेला
खजुराहो नृत्य समारोह के दौरान हुनर कार्यशाला के संयोजक श्री चिन्मय मिश्र ने बताया कि हुनर कार्यशाला अंतर्गत लोक शिल्प और क्राफ्ट की 20 कार्यशालाएँ आयोजित की जा रही हैं। कार्यशाला में देवास का लाख शिल्प, छतरपुर का मिट्टी शिल्प, निवाड़ी का खादी शिल्प के साथ स्थानीय क्षेत्र की कलाएँ और हुनर को प्रदर्शित किया गया है। पर्यटकों के लिए प्राकृतिक रंगों से रंगी हुई आंध्रप्रदेश की दरियाँ और नीमच के कपड़े आकर्षण का केंद्र हैं। इसके साथ ही बांधनी, बटिक, बाग प्रिंट, चंदेरी और महेश्वरी साड़ी भी सभी को आकर्षित कर रही है। कार्यशाला के उत्पाद पर्यटकों और कला प्रेमियों को विक्रय के लिए उपलब्ध हैं। पर्यटक इन्हें रूचि लेकर क्रय भी कर रहे हैं।
खजुराहो नृत्य समारोह में आर्ट मार्ट की संयोजक श्रीमती प्रीता गडकरी ने बताया कि इस वर्ष का आर्ट मार्ट ‘नारी की सृजनात्मकता’ पर केंद्रित है। देश भर के 25 समूहों की 250 महिला कलाकारों की 500 आर्ट प्रदर्शनी रखी गई है। इसमें पेंटिंग्स, स्कल्पचर्स, ड्राइंग्स और ग्राफिक्स शामिल है। पर्यटक को एक ही स्थान पर बंगाल, उड़ीसा, बिहार, गुजरात, महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों की क्षेत्रीय कला और परंपरा से परिचित हो रहे है। मध्यप्रदेश की बुंदेली स्थानी कला यहाँ आकर्षण का केंद्र है।
प्रमुख सचिव, संस्कृति एवं पर्यटन श्री शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि भारतीय सांस्कृतिक परिदृश्य में ललित कलाओं के सृजन की एक लंबी और सार्थक परंपरा रही है। इन कलाओं में मूर्ति शिल्प, चित्रांकन, छायाचित्र, छायाचित्र स्थापन कला आदि शामिल हैं। प्रादेशिक कलाकारों ने अपनी सृजन सक्रियता से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति अर्जित की है। इन कलाकारों को प्रोत्साहित एवं आर्थिक रूप से सुदृढ़ करने के उद्देश्य से समारोह में इस वर्ष हुनर और ‘आर्ट मार्ट’ का उपक्रम लगाया गया है। देश के विभिन्न राज्यों में कार्य करने वाले कलाकार अपनी कृतियों, सृजनात्मक प्रस्तुतियों की रचना के दौरान हुए अनुभवों को पर्यटकों से साझा कर रहे हैं। लब्ध प्रतिष्ठित शिल्पकार अपना हुनर पर्यटकों से साझा कर रहें है। कलाकारों से मिलकर विद्यार्थी और पर्यटक अपनी जिज्ञासाओं का समाधान भी पा रहे है।