हाईकोर्ट के आदेश के बाद होंगी रजिस्ट्री रद्द , 2003 में आवंटित कोटवारों की भूमि का चिन्हांकन कर शुरू होगी कार्रवाई

सेवा भूमि के नाम पर चढ़ाई गई सरकारी जमीनों की सौदेबाजी कर बेच दी गई अब जिला प्रशासन की हक्का-बक्का है जिले के सभी तहसील में मौजूद हल्का पटवारी संख्या में दर्ज जमीन की बंदरबांट करते हुए सरकारी खाते से करीब 135 एकड़ जमीन दूसरों को भेज दी गई है कोटवारी जमीन के निजी भूमि स्वामियों पी बड़ी रिपोर्ट उजागर होने के बाद सरकारी अमला हरकत में आया है हाईकोर्ट के आदेश जारी करने के बाद प्रशासन ने पूर्व में कोटवारी जमीन के लिए कराया जाए पंजीयन को निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। लगभग 513 ग्रामों में जांच के आदेश दिए गए हैं।।
जिले की सभी तहसीलों में कोटवारी जमीन बेच दी गई है। जानकारी के अनुसार सेवा भूमि का जो मूल रखवा करीब 1903 एकड़ का है। उसमें से कोटवारों ने खुद को भूस्वामी मानते हुए 135 एकड़ जमीन बेच दी है। अधिकारियों के अनुसार सेवा भूमि को नियमित या नहीं बेचा जा सकता है । सभी गांव में जांच प्रारंभ कर दी गई है । जिसमें 350 से ज्यादा कोटवारों के नाम आवंटित भूमि का विवरण जांच के दायरे में शामिल किया गया है । अधिकारियों के अनुसार कोटवारों ने कुछ नियमों का हवाला देकर शासकीय भूमि का निजीकरण किया था । हाईकोर्ट के आदेश के बाद रजिस्टर्ड जमीनों को वापस शासकीय खाते में दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू की गई है । कलेक्टर डॉ एस. भारतीदासन ने सभी राजस्व अधिकारियों की बैठक लेकर कार्रवाई करने के निर्देश जारी कर दिए है।।
गांव हुए शहर में तब्दील
2003 में कोटवारों ने हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देकर खुद को गोस्वामी बताते हुए जमीने दूसरों को भेज दी थी सेवा भूमि के खाते से शासन की ओर से आवंटित भूमि गांव में शामिल थी लेकिन अब यह जमीने कोटवारों के द्वारा दूसरों को भेज दी गई है अब उन जमीनों में शहर के कई पॉश इलाके बन गए हैं जमीनों में कई बड़े रंगों में लोगों ने निर्माण करा लिया है कुछ जमीन खाली पड़ी है तो कुछ जमीनों में बड़ी-बड़ी इमारतें खड़ी हो चुकी हैं।।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद बी – 01 में रिपोर्ट दर्ज
नए आदेश आने के बाद जिला प्रशासन ने प्रारंभिक कार्रवाई करते हुए कोटवारी जमीन के लिए पटवारी हल्का नंबर बी- 01 खसरे में भूमि हस्तांतरित दर्ज करना शुरू कर दिया है इसके बाद अब इन भवनों का पंजीयन किसी और दूसरों के नाम से नहीं हो सकता है कोटवारों से जमीन खरीदी करने वालों के लिए यह एक बड़ी मुसीबत होने वाली है कोटवार अब कोटवारी जमीन को वह नहीं बेच सकेगा।।