अनाथ चार पांच महीने के शावक को प्रशिक्षित कर उसे जंगल में छोड़ा गया
कान्हा टाइगर रिजर्व को मिली बड़ी सफलता, अनाथ बाघो को जीवन दान देने में कान्हा टाइगर रिजर्व की महत्वपूर्ण भूमिका
मंडला
मध्य प्रदेश के कान्हा टाइगर रिजर्व जो बाघों और बारासिंघों के लिए सुप्रसिद्ध है साथ ही अनाथ बाघों को नया जीवनदान देने के लिए उनका लालन-पालन कर प्रशिक्षित कर दोबारा जंगल में छोड़ जाता है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार कान्हा टाइगर रिजर्व में 2022 में पड़ोसी जिला सिवनी के पेंच नेशनल पार्क से ले गए 4-5 महीने के अनाथ बाघ शावक का लालन पालन कर कर उसे जंगल में रहने लायक प्रशिक्षित कर वापस जंगल मैं छोड़ गया है।
कान्हा नेशनल पार्क प्रबंधन ने बताया कि की बाग को विशेषज्ञों और कर्मचारियों की निगरानी में शिकार करने और जंगल में जीवित रहने के लिए हर तरह की कौशल सिखाए गए हैं बाघ को रेडियो कॉलर व इंटरनेट कॉलर लगाए गए हैं जिस कारण उसकी हर हरकत पर नजर रखी जा सके बाघ की निगरानी के लिए साथ अलग-अलग टीम बनाई गई है इन टीम के द्वारा बाघ पर सभी प्रकार से नजर रखकर जानकारी एकत्रित किया जाएगा वह उसकी सुरक्षा और उसके स्वास्थ्य के प्रति ध्यान रखा जाएगा।
कान्हा टाइगर रिजर्व से प्राप्त जानकारी के अनुसार घोरेल कैंप मैं बाघ शावक को रखा गया था जहां उसे प्रशिक्षित किया गया है। आपको बताते हैं घोरेलरेल कैंप सन 2008 में कान्हा टाइगर रिजर्व में स्थापित हुआ था जहां बाघों की रिवाइल्डिंग की जाती है। अभी तक इस कैंप में 13 बाघो को प्रशिक्षित कर उन्हें नया जीवन देने में सफल रहा है घोरेल कैंप कर टाइगर रिजर्व के लिए गर्व का प्रतीक है ।।