आदिवासियों मृत व्यक्तियों को दिखाया जिंदा, लाखों का फर्जीवाड़ा
जबलपुर
प्रदेश में आदिवासियों के नाम पर लाखों करोड़ों की हेरा फेरी होती जा रही है, सीधे-साधे आदिवासियों के नाम पर लुटेरे लालची लोग नये- नये फर्जीवाडा कर सरकार को लाखों करोड़ों का चूना लगा रहे हैं।

मध्य प्रदेश के जबलपुर में इसी तरह का एक मामला सामने आया है इसमें व्रत आदिवासी लोगों के नाम पर लाखों का फर्जीवाड़ा कर लिया गया है मामला का खुलासा होने पर प्रशासन हरकत में आया और जांच शुरू कर दी जांच के उपरांत पशुओं की कार्रवाई की जा रही है।
मामला जबलपुर जिले की कुंडम तहसील की जैतपुरी गांव का है आपको बता दे की सरकारी योजनाओं के तहत मृत आदिवासियों के नाम पर फर्जी कर्मकार कार्ड बनाकर सहायता राशि को हड़पने का मामला उजागर हुआ है।
मामले में गुड्डा सिंह नामक मृत व्यक्ति को जिंदा कर सबसे पहले उसका कर्मकार कार्ड बनाया जाता है फिर उसे दोबारा मृत घोषित कर फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाकर सहायता राशि के तौर पर 2 लाख रुपए निकाल दिए जाते हैं इस फर्जीवाड़ी के मामले में तत्कालीन सरपंच नरेंद्र सिंह मरावी सचिन बद्री प्रसाद कॉल और समन्वय अधिकारी हीरालाल बरकड़े की भूमिका सामने आई है।
सरपंच सचिव और समन्वय अधिकारी द्वारा ग्राम के ही अन्य मृत आदिवासियों की फर्जी कर्मकार कांड बनाकर राशि हड़पी ली गई है मामला के खुलासा होने पर प्रशासन पर सवालिया निशान उठने लगे हैं की जिम्मेदारी जिसको दी थी वही बेईमान निकला।
जनपद पंचायत के सीईओ पी एल यादव ने आईटीवी मीडिया को बताया बताया मामले की पूरी तरीके से जांच की जा रही है हर पहलू को चाचा जा रहा है और संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी भी किए गए हैं साथ ही राशि की रिकवरी की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है इस पूरे मामले में जो दोषी पाया जाएगा उसे पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।।