तहसील15 वर्षों से एक ही स्थान पर तैनात राजस्व निरीक्षक रतन शाह उइके व नीलेश चोखे, नियमों की उड़ रही धज्जियां, भ्रष्टाचार की आशंका

सिवनी

तहसील कार्यालय सिवनी में 15 वर्षों से एक ही स्थान पर तैनात है राजस्व निरीक्षक रतन शाह उइके, जिनकी कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। सरकारी नियमों के अनुसार, तीन से पांच वर्षों में स्थानांतरण अनिवार्य होता है, लेकिन रतन शाह उइके पिछले 15 वर्षों से स्थानांतरण के नियमों का उल्लंघन करते हुए अपने पद पर बने हुए हैं।

कार्यालय इनके रहते तहसील में कई मामलों में अनियमिता देखी गई है । भू-माफियाओ के साथ इनके बहुत मधुर संबंध बताए जाते हैं जिनके इशारे मात्र से ही निजी स्वार्थ का स्वाद लेते हुए अनेकों कामो को अंजाम दे दिए जाते हैं भूमि रिकॉर्ड, नामांतरण और सीमांकन जैसे महत्वपूर्ण मामले में बगैर प्रसाद के बिना काम नहीं होता है जिसकी शिकायत बार-बार सामने आती रही है उसके बाद भी इन पर कोई कार्रवाई ना होना समझ से परे है ।

सिवनी तहसील में एक ही स्थान पर (15 वर्षो) लंबे समय तक पदस्थ रहने के कारण राजस्व निरीक्षक रतन शाह उइके द्वारा प्रभावशाली संपर्क किए जाने और पद का गलत फायदा उठाए जाने की आशंका का व्यक्त की जा रही है जनता के महत्वपूर्ण मामलों को जानबूझकर लंबित रखा जाता है जिन्हें निपटने के लिए अनैतिक तरीकों का भी सहारा लिया जाता है ।

इसी तरह सिवनी तहसील कार्यलय मैं पदस्थ नीलेश चोखे बाबू के कारनामे किसी से छुपे नहीं है जो एक ही पद पर एक ही स्थान पर लगभग 8 वर्षों से जमे हुए। सूत्र तो बताते हैं कि यह बाबू इतना पावरफुल है की इनके इशारों के बिना कोई काम नहीं होता है अधिकारी कोई भी रहे इस बाबू की बल्ले बल्ले हमेशा रहती है। इस बाबू की कार्य प्रणाली जनता के लिए इतनी खराब है कि ग्रामीण बगैर परेशान हुए कोई काम नहीं करा सकती है । भूमि रिकॉर्ड, नामांतरण व अन्य मामलों में इनको महारत हासिल है इन कामों में निजी स्वार्थ का बोल वाला रहता है साथ ही कई अति – महत्वपूर्ण मामलों को लंबित रख कर अनैतिक तरीको का सहारा लिया जाता है।

तहसील में अन्य कर्मचारी भी अनेको वर्षो से एक स्थान में सेवा दे रहे है । तहसील की कार्यप्रणाली की चर्चा हर जगह होती है इन कर्मचारियों को तहसील से हटाना बहुत ही जरूरी हो गया है । जनप्रतिनिधियों को भी ध्यान देनी की आवश्यकता है ।

सिवनी के जिला कलेक्टर,अधिकारी अनुविभागीय दंडाधिकारी ( सब-डिविज़नल मजिस्ट्रेट ) ओर तहसीलदार इस विषय पर ध्यान ना देना जिले की जनता के हित मे नही है । इस तरीके के कर्मचारियों के प्रति ठोस कार्रवाई की आवश्यकता है।।

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