इतिहास में जम्मू कश्मीर की घटना 14 फरवरी एक दुखद घटना के रूप में दर्ज है पुलवामा हमले की आज 2 वर्ष हो गए हैं लेकिन जख्म आज भी हरे हैं जम्मू श्रीनगर नेशनल हाईवे पर जब आतंकवादियों ने विस्फोटक भरी कार से सीआरपीएफ काफिले पर कायराना हमला किया था इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे और कई गंभीर रूप से घायल हुए थे धमाका इतना पहनकर ताकि बस के परखच्चे उड़ गए ।।

आत्मघाती हमले के बाद सीआरपीएफ के जवान कुछ समझ पाते उससे पहले ही आतंकवादियों ने सीआरपीएफ की 48 गाड़ियों के काफिले पर ताबड़तोड़ गोलीबारी शुरू कर दी थी । इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद मिली थी। आदिल डार ने इस हमले को अंजाम दिया था। जो जेश-ए- मोहम्मद का आतंकी था।।

पुलवामा हमले के बाद से सुरक्षाबलों ने अपनी रणनीति बदल दी और पुलिस आर्मी सीआरपीएफ जैसे सुरक्षा बल मिलकर आतंकियों के खिलाफ जॉइंट ऑपरेशन कर रहे हैं । ज्वाइंट ऑपरेशन पहले भी होती थी । लेकिन अब सभी देशों के बीच कोऑर्डिनेशन पहले से कहीं ज्यादा है और सीआरपीएफ जवानों को ट्रेनिंग में बदलाव किया गया है । उनके नए इक्विपमेंट दिए जा रहे हैं । मोबिलिटी और नेविगेशन में भी बदलाव किया गया है। सीआरपीएफ और सुरक्षाबलों के अगले पर अब सिर्फ सड़क मार्ग से यात्रा नहीं कर रहे हैं बीच-बीच में हवाई यात्रा भी कर रहे हैं।।

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