धान उपार्जन केंद्र खवासा: मां वेणु आजीविका स्व सहायता समूह का किसानों के साथ लूट का खेल, कब सुनेगा प्रशासन?
सिवनी
जिले के धान उपार्जन केंद्र खवासा पर किसानों के साथ हो रही खुली लूट ने एक बार फिर शासन और प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मां वेणु आजीविका स्व सहायता समूह के अंतर्गत संचालित इस केंद्र पर किसानों से तय मानक से अधिक धान लिया जा रहा है।

किसानों की शिकायत: 700 ग्राम की अतिरिक्त लूट
सरकारी नियम के अनुसार, धान का तोल 40 किलो 600 ग्राम होना चाहिए, लेकिन केंद्र पर किसानों से 41 किलो 300 ग्राम तोलने का आरोप है। यह 700 ग्राम का अतिरिक्त धान किसानों की मेहनत की खुली लूट है। यही नहीं, तोलने के बाद बोरियों से धान निकालकर चोरी किए जाने के भी आरोप हैं।
प्रशासन की निष्क्रियता
किसानों का कहना है कि इस गड़बड़ी की जानकारी खरीदी प्रभारी और संबंधित अधिकारियों को पहले से है, लेकिन किसी ने इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। किसान सवाल उठा रहे हैं कि शासन-प्रशासन और जनप्रतिनिधि इसे जानते हुए भी अनदेखा क्यों कर रहे हैं।
किसान अपनी मेहनत का मोल चाहते हैं
किसानों का दर्द यह है कि वे दिन-रात मेहनत कर अपनी फसल उगाते हैं और इस उम्मीद से सरकारी केंद्रों पर उपज बेचते हैं कि उन्हें सही मूल्य मिलेगा। लेकिन जब इन केंद्रों पर ही इस तरह की लूट हो रही हो, तो किसान कहां जाएं?
क्या कलेक्टर करेंगी हस्तक्षेप?
सिवनी की कलेक्टर को एक संवेदनशील अधिकारी के रूप में जाना जाता है। किसानों को उम्मीद है कि कलेक्टर मैडम खुद जमीनी स्तर पर आकर हालात का जायजा लेंगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगी।
किसानों की मांग
1. केंद्र की तत्काल जांच हो।
2. जिम्मेदार अधिकारियों और समूह के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
3. किसानों से लूटे गए धान की भरपाई की जाए।
4. उपार्जन प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए।
निष्कर्ष
सरकार किसानों की भलाई के लिए कई योजनाएं बनाती है, लेकिन जब जमीनी स्तर पर ऐसी गड़बड़ियां होती हैं, तो सारी योजनाएं विफल हो जाती हैं। यह जरूरी है कि शासन-प्रशासन किसानों के साथ न्याय करे और इस प्रकार की लूट को तुरंत रोके। अगर समय रहते इस मामले को सुलझाया नहीं गया, तो किसानों का विश्वास पूरी प्रणाली से उठ सकता है।