तहसील कार्यालय में पदस्थ बाबू की चलती है मनमर्जी, फर्जी वसीयत में बाबू का क्या है योगदान
तहसीलदार भूमि रिकॉर्ड और राजस्व संग्रह का काम करता है
तहसीलदार को तहसील का एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट भी कहा जाता है
तहसीलदार भूमि कर और राजस्व से जुड़े मामलों की अध्यक्षता करता है
तहसीलदार एक प्रखंड और तहसील के प्रशासनिक कार्यों को संभलता है हालांकि तहसीलदार की पदवी ऊपरी और ज्यादा महत्वपूर्ण होती है
सिवनी
मुख्यालय के तहसील में फर्जी वसीयत कर जमीन को अपने नाम करना और उसे ऊंचे दाम पर बेचकर लाखों रुपए कमाना ऐसा ही एक मामला सामने आया है।
नगर से लगे ग्राम की फर्जी वसीयत बनाकर जमीन को पंकज नामक युवक ने अपने नाम कर लिया सूत्र बताते हैं कि इस काम में उसका सहयोगी तहसील में पदस्थ एक बाबू है जिसने यह षड्यंत्र रचा, दादा का नाम एक जैसा होने के कारण बड़ी ही आसानी से एक फर्जी वसीयत तैयार कर जमीन को अपने नाम कर लिया जिसमें तहसील में पदस्थ बाबू (पड़ोसी व दोस्त) ने बड़ी आसानी से फर्जी वसीयत को पास करवा कर पंकज नाम के युवा के नाम कर उसका नामांतरण भी कर दिया ।
अपने नापाक इरादों में सफलता प्राप्त कर दोनो ने जमीन को अच्छे दामों में बेचकर लाखों रुपए कमा लिए कुछ समय गुजर जाने के बाद जब असली वसीयतदार आया तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई जब उसको मालूम चला कि उसकी वह जमीन पहले ही किसी पंकज नामके युवक जमीन अपने नाम कर बेच दिया डूबता क्या नहीं करता।
असली वसीयतदार द्वारा खोजबीन की गई तब पता चला कि फर्जी वसीयत के द्वारा जमीन को पहले अपने नाम ट्रांसफर कर भूमिफ़िया और उसके सहयोगी दोस्त ने जमीन को बेच दी । जिसकी शिकायत असली वसीयतदार ने की है जिसकी
जानकारी इन जालसाजों को मालूम होते ही अपने-अपने जुगाड़ में लग गए तब तक यह जानकारी जमीन की खरीदार को भी पढ़ चुकी थी दोनों जल साजों के द्वारा खरीदार को थोड़ी मोटी रकम देकर शांत करने की कोशिश की गई। इन दोनों के द्वारा मामले को रफा दफा करने की भी कोशिश की जा रही है । तहसील में पदस्थ बाबू होने के कारण पड़ी ही आसानी से मामले को शांत कराने में लगे हुए हैं ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पूरे फर्जीवाडा की जांच एसडीएम ऑफिस में की जा रही महीनों गुजर जाने के बाद भी इस फर्जीबाडे में किसी भी तरीके की कोई कार्रवाई न होना संदेह उत्पन्न करता है ।
क्या पूरे मामले को दबाने का प्रयास किया जा रहा है
क्या इस फर्जी वसीयत वाले मामले में एसडीएम मैडम का आज तक कोई कार्रवाई न करना दोषियों को सहयोग देना नहीं होता, इतने बड़े फर्जी बड़े में एसडीएम द्वारा द्वारा कोई कार्रवाई न करना क्या कहलाता है।