सिवनी

सिवनी 20 जुलाई 2024 – मध्य प्रदेश के सभी स्कूलों में 20 और 21 जुलाई को गुरु पूर्णिमा उत्सव मनाने का आदेश जारी किया गया है। जिसमें प्रदेश के सभी सरकारी और निजी स्कूल-कॉलेजों में प्रार्थना सभा,गुरु-शिष्य संस्कृति पर प्रकाश, निबंध लेखन, वीणा वादिनी मां सरस्वती वंदना, गुरु वंदना, दीप प्रज्जवलन और माल्यार्पण किया जाना है।

इसी तारतम्य में शासकीय प्राथमिक शाला बबरिया सिवनी में विद्यार्थियों की ओर से गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया गया। मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित राजेश्वरी सिंह पैरालीगल वालंटियर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जिला न्यायालय सिवनी ने सर्वप्रथम मां सरस्वती जी के तैलचित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलन किया। विद्यार्थियों के द्वारा वीणा वादिनी मां सरस्वती वंदना, गुरु वंदना की गई। मुख्य अतिथि ने आरती उतारी तथा विद्यार्थियों को माथे पर तिलक लगाया। विद्यार्थियों ने करतल ध्वनि से मुख्य अतिथि का स्वागत किया। स्कूल के विद्यार्थियों ने मुख्य अतिथि, अध्यापकों और माता-पिता के लिए फूलों के बनाए गुलदस्ते भेंट किए। विद्यार्थियों ने मुख्य अतिथि एवं शिक्षकों से आर्शीवाद लिया।

स्कूल के शिक्षक शिक्षिकाओं के द्वारा प्रार्थना सभा, भाषण, नृत्य संगीत, सुविचार, श्लोक आदि की सुंदर प्रस्तुति दी गई। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जिला न्यायालय सिवनी की पैरालीगल वालंटियर राजेश्वरी सिंह ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि गुरु पूर्णिमा गुरुओं के सम्मान में उनके वंदन और उनके प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए मनाया जाने वाला पर्व है। गुरु विद्यार्थियों को दुनिया में चलना और आगे बढ़ना सिखाते हैं। हर व्यक्ति की जिंदगी में गुरु का विशेष ही महत्व होता है। उन्होंने कहा कि सर्वप्रथम गुरु मां होती है। उसके बाद शिक्षक जो उन्हें शिक्षा देते हैं। श्रीमती सिंह ने छात्र-छात्राओं को गुरु पूर्णिमा के महत्व के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि भारत में प्राचीन काल से ही इसका बड़ा महत्व है। विद्यार्थी जब गुरु के आश्रम में शिक्षा के लिए जाते थे तो इस दिन को बड़े श्रद्धा से मनाया जाता था। शासकीय प्राथमिक शाला बबरिया की प्राचार्य श्रीमती सरोज कुशवाहा ने कहा कि समाज में ऐसे गुरु की जरूरत है जो शिष्य के विकारों को दूर कर सके। उन्होंने विद्यार्थियों को कहा कि जीवन में हमें अपने माता-पिता और गुरु का हमेशा सम्मान करना चाहिए और उनके बताए हुए रास्ते पर चलकर अपने लक्ष्य को हासिल करना चाहिए। शिक्षक सचिन जैन ने कहा कि गुरु दो अक्षरों से मिलकर बना है जिसका अर्थ है अज्ञान दूर करने वाला। इसलिए हमेशा अपने गुरु की शिक्षाओं को याद रखना चाहिए तथा उनका सम्मान करना चाहिए। गुरु पूर्णिमा कार्यक्रम के अवसर पर शासकीय प्राथमिक शाला बबरिया की प्राचार्य सरोज कुशवाहा, शिक्षिका अंजू बघेल, शिक्षिका विनीता राय, शिक्षक सचिन जैन, फ्रीलांसर जर्नलिस्ट जितेन्द्र सिंह, छात्र-छात्राएं, पालक उपस्थित थे।।

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