कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री दिलीप जायसवाल ने नर्मदापुरम संभाग में जारी रेशम विकास गतिविधियों के अवलोकन के दौरान निर्देश दिये थे कि रेशम उत्पादों का प्रयोग कर रेशम के धागे का उपयोग दवाईयों के उत्पादन में भी किया जाये, ठीक वैसा ही, जैसा रेशम के वस्त्रों का उपयोग जन-जन द्वारा सदियों से किया जा रहा है। यह राष्ट्रीय नवाचार मध्यप्रदेश में किया जाये।
कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्यमंत्री श्री जायसवाल के निर्देश पर नर्मदापुरम संभाग से रेशम से दवाईयां एवं सर्जिकल ड्रेसिंग बनाने के लिये अधिकाधिक कच्चा माल (रॉ मटैरियल) दवा कम्पनियों को भेजा जायेगा। इससे रेशम उत्पादक किसानों को भी विशेष प्रोत्साहन मिलेगा। भोपाल के प्रख्यात सर्जन डॉ. अभिजीत देखमुख द्वारा इस संबंध में ‘’मेंटर’’ के रूप में कार्य किया जा रहा है।
इस तरह के रेशम आधारित उत्पाद बाजार में आने से अब रेशम उत्पादक किसानों और कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग दोनों को लाभार्जन हो सकेगा ।।