सिवनी
जिले के आदिवासी विकासखंड में स्टोन क्रेशर की आड़ में धरती माता का सीना चीर कर अवैध उत्खनन काल साबित हो रहे हैं लखनादौन से 10 से 15 किलोमीटर की दूरी पर खनन माफिया द्वारा अवैध उत्खनन किया जा रहा है ।

दो भाइयों की इस जोड़ी ने खनिज विभाग और वन विभाग को अपने जूते की नोक पर रखकर काले कारनामों को बखूबी अंजाम दे रहे हैं इन भाई बंधुओ की पैसे कमाने की भूख ने दर्जनों मीटर गहरी खाई बना डाली उसके बाद भी निरंतर अवैध खनन करे जा रहे हैं जिस पर ना जाने क्यों खनिज विभाग द्वारा कोई भी कार्रवाई नहीं किया जाना समझ से परे है ।
प्रशासन और खनिज विभाग की अनदेखी के चलते ये खनन माफिया नियमों को दरकिनार कर अपना अवैध खनन का कार्य करे जा रहे है। सूत्रों की माने तो ना तो उनके पास खनन करने की कोई परमिशन है और ना ही पर्यावरण संबंधी कोई दस्तावेज । इनके द्वारा अवैध रूप से ब्लास्टिंग कर पत्थरों को काटा जाता है जो प्राकृतिक के लिए भी खतरनाक है रोजाना सैकड़ो पत्थर और गिट्टी को सड़क के माध्यम से जिले में ही नहीं बल्कि दूसरे जिलों में भी निर्यात किया जाता है जिससे यह भाई बंधु लाखों रुपए कमा रहे हैं ।
दो भाइयों की इस जोड़ी ने कई वर्षों से आदिवासी विकासखंड में अपना दबदबा बनाया हुआ है अवैध खनन कर इन खनन माफियाओं ने भंडारण कर अपनी मंडी सजाई हुई है इस मंडी में यह अपना अवैध खनन सामग्री को भेजा करते हैं जहां से जनता निर्माण के लिए पत्थर, गिट्टी, डस्ट आदि खनन सामग्री को खरीद कर ले जाते हैं लेकिन आज तक सालों से चल रही इस मंडी पर ना तो कभी पुलिस, खनिज विभाग, आरटीओ और रेवेन्यू विभाग में कभी कार्रवाई करने की जहमत नहीं उठाई । लेकिन अवैध सामग्री आदि लाते ले जाते समय प्रशासन का कोई भी अधिकारी अवैध खनन माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं करता है जिस आदिवासी अंचल से अवैध खनन कर अवैध खनन सामग्री का लाना ले जाना पड़ता है वहां रास्ते में कई पुलिस थाने भी पढ़ते हैं फिर भी अवैध खनन करने वालों के हौसले इतने बुलंद है कोई भी अधिकारी बंधु माफिया पर हाथ नहीं डालता है।।