मीसा गांव के लोग सड़क से आज भी बंचित।

300 वर्ष पुराना बसा हुआ है गांव-ग्रामीण।

बरसात में मरीजों, गर्भवती महिलाओं को मुख्य मार्ग तक चारपाई पर लेकर जाती है ग्रामीण।

छात्र-छात्राएं भी स्कूल जाने पर होते है परेशान।

पुराने कच्चे रास्ते को दबंगों के द्वारा बंद करने का ग्रामीणों ने लगाया आरोप।

भिंड

जिले के अटेर विधानसभा में मीसा गांव के लोग आजादी के समय से लेकर आज दिन तक सड़क न होने से परेशान। ग्रामीणों ने बताया करीब 300 वर्ष पहले बसा था गांव पहले जो कच्चा रास्ता था उस रास्ते को खेत वालों ने किया बंद, ग्रामीणों का आरोप दबंगों ने रास्ता किया बंद, वही खेत वालों का कहना है कि यह रास्ता नहीं उनकी निजी भूमि है। ग्रामीणों का कहना है कि इस पुराने रास्ते के अलावा भी मुख्य मार्ग तक पंहुचने के लिए शासकीय जमीन है उस जमीन से उन्हें दिया जाए रास्ता, जिसको लेकर मीसा गांव के ग्रामीणों ने ग्राम किशन की गढ़िया से मीसा के रास्ते को मुख्य मार्ग से जोड़ने को लेकर एसडीएम, कलेक्टर एवं केबिनेट मंत्री राकेश शुक्ला को भी दे चुके हैं ज्ञापन।

ग्राम पंचायत मीसा की पूरी आबादी लगभग 500 के करीब है,ग्रामीणजनों ने कलेक्टर को सौपे गए ज्ञापन पत्र में बताया कि ग्राम पंचायत मीसा से जाने वाले पुराने रास्ते को दबंगों ने कब्जा कर रखा है,उस रास्ते पर उन्होंने खेत बना रखे है,जहां आज तक आने जाने के लिये कोई रास्ता नहीं है। ग्रामीणजनों ने पूर्व में भी जनसुनवाई में आवेदन दे चुके हैं, जिसका अभी तक कोई निराकरण नहीं हुआ है,ग्रामवासी मीसा के लोगों के बच्चे बरसात के दिनों में स्कूल नहीं जा पाते हे,क्योंकि रास्ता कच्ची है,वह बरसात के कारण बंद हो जाता है। ग्रामवासीयों ने कहा कि बरसात के दिनों में यदि कोई बीमार हो जाये या किसी महिला की डिलेवरी होनी हो,और उसे अस्पताल लाना पड़े तो चारपाई पर रखकर 2 किलोमीटर से अधिक की दूरी तक किशन की गढ़िया तक लाना पड़ता है,तव कहीं पक्की सड़क से सवारी मिलती है। ग्रामवासियों को बेहद कठनाईयों का सामना करना पड़ रहा है, गांव कई बरसों पहले बसा था और आजादी के समय से लेकर आज दिन तक मुख मार्ग तक पहुंचाने के लिए पक्का रास्ता नहीं है।

कांग्रेस जिलाध्यक्ष मानसिंह कुशवाहा ने भी मीसा गांव में पक्का रास्ता न होने को लेकर प्रशासन को अवगत कराया है और कहा है कि जिन दबंगों ने रास्ते पर अतिक्रमण किया है उसे हटबाकर पक्का रास्ता बनाया जाए और जल्द प्रशासन सुनबाई नहीं करता है तो वह ग्रामीणों के साथ धरने पर बैठेंगे।।

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