
जिले में अवैध कॉलोनी का गोरखधंधा जोर- शोर से चल रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के समय अवैध कॉलोनीयों के खिलाफ कुछ सख्त कदम उठाए गए थे। पर जिम्मेदार सो रहे है । इनकी नाक के नीचे अवैध कॉलोनी और अवैध कॉलोनाइजर दोनों ही फल फूल रहे हैं
सिवनी
जिला मुख्यालय के नगर और नगर से 5 से 10 किलोमीटर के दायरे में इस समय अवैध कॉलोनियो का मकड़जाल फैला हुआ है। साथ ही अवैध कॉलोनी बीके प्लाटों पर बिना परमिशन के मकान बनाने का काम धड़ले से चल रहा है कृषि भूमि पर बिना डायवर्शन के आवासी प्लाट काटे जा रहे हैं वर्तमान में दर्जनों की संख्या में कॉलोनिया काटी जा रही हैं बावजूद सो रहे है जिम्मेदार ।
नगर पालिका ने कुछ समय पहले पुराने सीएमओ के समय नगर की 85 अवैध कॉलोनी को चिन्हित किया था जिसमें एफ.आई.आर. तक होने की बात हो रही थी विगत कुछ ही सालों में अवैध कॉलोनीयों का मकड़जाल इस तरह फैला की चारों तरफ अवैध कॉलोनी नजर आती है इन भूमाफियाओं के हौसले इतने बुलंद हो गए हैं की सारे नियम को एक तरफ रखकर खुद के नियम बनाकर अवैध कॉलोनी बनाए जा रहे हैं ।

प्राप्त जानकारी के अनुसार अवैध कॉलोनाइजरों पर शहर के अंदर नगर प्रशासन और बाहर जिला नगर योजनाधिकारी जिम्मेदार है कृषि भूमि में अवैध कॉलोनी बनाकर प्लाट कट रहे हैं और रजिस्ट्री कार्यालय में अंदरखाते अवैध रजिस्ट्रीया भी होती जा रही है।
जिले की तहसील केवलारी और बरघाट में अवैध कॉलोनाइजर पर कुछ मामले दर्ज हुए हैं पर सिवनी के जिम्मेदार इन अवैध कॉलोनाइजर पर बहुत मेहरबान है इनको कोई भी अवैध काम नहीं दिखाई देता है कॉलोनाइजर पर कभी मामले दर्ज नहीं हुए, ना ही भ्रष्टाचार के खुलासे होने के बाद भी जिम्मेदार अफसर पर ठोस कार्रवाई हुई हो।
जरूरी दस्तावेज :-
जानकारी के अनुसार कॉलोनी काटने वाले विक्रेता के पास समक्ष प्राधिकारी द्वारा जारी कॉलोनाइजर लाइसेंस जो की कलेक्टर के द्वारा दिया जाता है होना चाहिए, मध्य प्रदेश भू राजस्व संहिता की धारा 172 के तहत भूमि का आवासीय प्रयोजन हेतु डायवर्सन एसडीएम द्वारा दिया जाता है होना चाहिए, विकसित की जा रही कॉलोनी के अधिन्यास का ग्राम एवं नगर निवेश द्वारा अनुमोदन, कॉलोनी नाइजर का रजिस्ट्रीकरण, निर्वधन, टी.एन. सी. व शर्ते होती है । लाइसेंस लेकर ही कॉलोनी काटी जा सकती है इसमें सड़क, पार्क, फुटपाथ, कमर्शियल साइट, पेयजल व सीवर सुविधा देनी होती है।
मध्य प्रदेश की पूर्व शिवराज सरकार ने अवैध कॉलोनी नियमितिकरण अधिनियम-2021 लेकर आई थी। इस अधिनियम में अवैध कॉलोनी कटने से रोकने के लिए काटने वाले और कॉलोनाइजर के खिलाफ एफआईआर करने का प्रावधान है। फिर भी जिम्मेदार सो रहे हैं।।