सुविधाएं होने के बावजूद भी घर तक नहीं पहुंची एंबुलेंस , मजबूरन अपाहिज को चारपाई का सहारा लेना पड़ा, पढ़े पूरी खबर …
यह पूरा मामला सिवनी जिला की विकासखण्ड लखनादौन करआदिवासी बाहुल्य क्षेत्र का है । लखनादौन मुख्यालय से आदिवासी गाँव कुड़ारी जो कि बिहारी पिता किसनू गोड़ अपने घर पर बैलगाड़ी पर बंधी टंकी से पानी निकालने में पैर फिसल जाने से पैर बैल गाड़ी के पहिए मैं चला गया और पैर फैक्चर हो गया जिस पर 108 पर संपर्क किया गया 108 ग्राम कुड़ारी 1 घंटे बाद पहुंची और ग्राम के बाहर खड़ी हो गई और ड्राइवर द्वारा फोन लगाया गया की आपका पेशेंट यहीं ले आओ हम गांव के अंदर नहीं जाएंगे ।।
बिहारी को चोट होने के कारण चलने में असमर्थ था दर्द के कारण लड़का बहुत परेशान था बार बार ग्रामीणों ओर परिजनों के कहने पर भी ड्राइवर घर गाड़ी लेकर नहीं गया जबकि गाड़ी घर पहुंच जाती है और गाँव मैं आसपास के घरों मैं कई बार गाड़ी गई है गांव में पक्की सड़क है मगर ड्राइवर का रुतबा अलग था वह अपनी मनमानी पा अड़ा हुआ था और कहने लगा आप इधर आप के मरीज को नहीं ला रहे हो तो मैं वापस चला जाऊंगा तुमको जो बने तो कर लो।।
परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर है इलाज अन्य जगह या प्राइवेट करवाने में सक्षम नहीं था इसलिए घर वालों ने खटिया (चारपाई) में रखकर पेशेंट को 108 एंबुलेंस तक पहुंचाना ही उचित समझा जब ग्राम कुड़ारी 1 वर्ष पहले सड़क विहीन था तब ऐसी हालत थी कि ग्राम के लोगों को खटिया में मरीजों को रखकर नाला पार करके घाट चढ़ाकर 5 किलोमीटर तक ले जाना पड़ता था अब तो सड़क बन चुकी है उजाला हुआ है ग्राम पक्की सड़क से जुड़ गया है लेकिन सड़क सुविधा होने के बाद भी स्वास्थ्य सेवाओं की ऐसी हालत है ।।
मध्य प्रदेश के मुखिया कोई भी दावा कर ले परंतु यह समझ में नहीं आया कि नहीं ड्राइवर ने घर तक एंबुलेंस क्यो नही ले गया और जब उस से नाम पूछा गया तो नाम बताने के लिए भी तैयार नहीं था या तो फिर उस ड्राइवर को घर जाने से मना कर दिया गया होगा क्या तो फिर ड्राइवर खुद नहीं अपनी दादागिरी दिखाते हुए उस अपाहिज को अपने हाल में छोड़ दिया और उसको चारपाई के सहारे खुद गाड़ी तक आना पड़ा यदि यही हाल रहा इस देश का और इस प्रशासन की तो बहुत जल्द लोग सरकार का भरोसा छोड़ देंगे जो कि एक तरफ जनता को हर पल एहसास कराती है कि वह उनके साथ हमेशा साया बनकर खड़ी है और दूसरी तरफ अपाहिज हो जाते हैं तो उन्हें मरने पर मजबूर कर देती है।।