आईपीएल सट्टा मामले में कोतवाली पुलिस की दूसरी बड़ी कार्रवाई, लगभग 2.44 करोड़ रुपए की सट्टेबाजी का भंडाफोड़
सिवनी
आईपीएल सट्टेबाजी के खिलाफ सिवनी कोतवाली पुलिस की बड़ी कार्रवाई एक बार फिर सामने आई है। बीते एक सप्ताह में यह दूसरी बड़ी कार्यवाही है, जिसमें पुलिस ने ऑनलाईन क्रिकेट सट्टा संचालन कर रहे गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए कुल 2,44,73,167 रुपए के अवैध लेनदेन का खुलासा किया है। मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें एक नागपुर से पकड़ा गया है।

मुखबिर की सूचना से खुला राज
1 जून को कोतवाली पुलिस को सूचना मिली कि रजिस्ट्री कार्यालय के सामने एक युवक आईपीएल मैच (पंजाब बनाम मुंबई) पर सट्टा लगा रहा है। सूचना पर कार्रवाई करते हुए पुलिस टीम मौके पर पहुंची और आरोपी दुर्गेश पिता धनीराम कतिया (21), निवासी भगतसिंह वार्ड, सिवनी को रंगे हाथ पकड़ा। उसके मोबाइल में लाइव ऑनलाइन सट्टा चालू पाया गया।
नागपुर से पकड़ा गया मास्टरमाइंड
पूछताछ में दुर्गेश ने खुलासा किया कि वह ऑनलाइन सट्टा अंकुश कुशवाह नामक व्यक्ति के कहने पर चला रहा था। इसके बाद कोतवाली पुलिस की टीम ने सायबर सेल की मदद से नागपुर पहुंचकर आरोपी अंकुश पिता यशवंत कुशवाह (30), निवासी अभिषेक कॉलोनी, सिवनी को नागपुर के पिंपला रोड स्थित एक अपार्टमेंट से गिरफ्तार किया।
पहले भी पकड़ा जा चुका है आरोपी
जांच में सामने आया कि अंकुश कुशवाह पहले पुणे में अपने साथियों के साथ ऑनलाइन सट्टा चला रहा था, जहां 24 अप्रैल 2025 को हिंजेवाड़ी थाना पुलिस ने उस पर केस दर्ज किया था। इसके बाद वह नागपुर आकर अकेले सट्टा संचालन कर रहा था।
बड़े पैमाने पर लेन-देन का खुलासा
अंकुश कुशवाह के बैंक खातों से जो जानकारी मिली, उसमें यह तथ्य सामने आए:
एचडीएफसी बैंक खाते से ₹1,14,78,731 (करेंट अकाउंट)
चालू खाते से ₹1,03,05,272
नकदी ₹5,200
एक डायरी में दर्ज हिसाब ₹16,36,964
इस तरह कुल मिलाकर ₹2.44 करोड़ से अधिक की सट्टेबाजी सामने आई है। बैंक खातों को फ्रीज कर दिया गया है और आगे की जांच जारी है।
जप्त सामग्री:
वीवो मोबाइल (₹10,000)
वनप्लस मोबाइल (₹22,000)
ओप्पो मोबाइल (₹15,000)
नकद ₹5,200
गिरफ्तार आरोपी:
- दुर्गेश पिता धनीराम कतिया, 21 वर्ष, निवासी सिवनी
- अंकुश पिता यशवंत कुशवाह, 30 वर्ष, निवासी सिवनी (वर्तमान में नागपुर)
सशक्त पुलिस टीम की भूमिका
इस कार्रवाई को अंजाम देने में थाना प्रभारी किशोर बावनकर के नेतृत्व में निरीक्षक डीआर शरणागत, सायबर सेल के सउनि देवेन्द्र जायसवाल, प्र.आर. योगेश राजपूत, राजेन्द्र बघेल, नवीन तिवारी, अमित रघुवंशी, प्रतीक बघेल, अभिषेक डहेरिया, दिलीप उइके, प्रशांत गजभिये, सिध्दार्थ दुबे, और राजेन्द्र राजपूत की सराहनीय भूमिका रही।