मेरे जाने के बाद, मेरे कार्यो का मूल्यॉकन अवश्य होगा-डॉ. मनमोहन सिंह जी का संदेश

सिवनी

कांग्रेस विचारधारा के साथ देश को तरक्की की राह में अग्रसर करने वाले देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी के अंतिम संस्कार के उपरांत आज इंदिरा भवन कार्यालय जिला कांग्रेस कमेटी सिवनी में पार्टी ध्वज को उनके सम्मान में झुकाकर जिला कांग्रेस अध्यक्ष राजकुमार खुराना ने छायाचित्र पर माल्यार्पण किया एवं संतोष पटेल द्वारा दीप प्रज्जवलित किया, तत्पश्चात उपस्थित कांग्रेस जनों द्वारा पुष्पांजलि दी गई।
जिला कांग्रेस अध्यक्ष राजकुमार खुराना ने डॉ. मनमोहन सिंह जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि किसी देश का प्रधानमंत्री कैसा होना चाहिये डॉ. मनमोहनसिंह जी से बेहतरीन उदाहरण नहीं हो सकता, एक विद्ववान प्रोफेसर, अर्थशास्त्री, मजबूत निर्णय लेने वाले योद्धा, आने वाले कल की समझ रखने वाले दूरदर्शी नेतृत्वकर्ता के रूप में डॉ. मनमोहन सिंह जी युगो-युगो तक याद आएंगे। देश को गरीबी के दल दल से निकालने वाले एक महान् विद्वान, दूरदर्शी नेतृत्वकर्ता जिसे देश के हर नागरिक की समस्याओं से फर्क पड़ता था।

लोकतांत्रिक इतने कि उनके साथ बैठने वाले उनके विपक्षी भारतीय मीडिया हर कोई उनकी आलोचना करने के लिए स्वतंत्र था वो बुरा नही मानते थे क्योंकि उन्हें पता था कि आज भले ही लोग उनको नहीं समझ पा रहें है, मगर भविष्य उनको जरूर समझेगा। डॉ. मनमोहनसिंह ही थे जिन्होंने भारत के लोगो को आधार कार्ड के जरिए एक यूनिक पहचान दी। यही नहीं 1991 में जब देश जब दिवालीया होने के कगार पर था विश्व भर में आर्थिक मंदी थी तब डॉ. मनमोहनसिंह जी ने वित्तमंत्री रहते हुये भारत की अर्थव्यवस्था को उदारीकरण, निजीकरण, वैश्वीकरण की दिशा में ले गये, आयात-निर्यात की नीति में सुधार कर विदेशी निवेश बढ़ाया जिससे लोगो की आय बढ़ी।

जब देश की आर्थिक स्थिति सुधरी तब भ्रष्टाचार को रोकने के लिए 2005 में आम नागरिको को सूचना का अधिकार अधिनियम की ताकत देकर पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित कराई। देश के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीणों के लिए 2005 में ही महात्मागांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम लागू कर ग्रामीणों को उन्हीं के ग्राम में रोेजगार के अवसर प्रदान कर भारत की रीढ़ को मजबूत किया। 2006 में आदिवासी समुदाय केा उनके परम्परागत भूमि अधिकार वापस दिलाने के लिए ऐतिहासिक वन अधिकार कानून लाकर आदिवासियों को उनका हक दिलवाया, भारत की आर्थिक विकास की गति को बढ़ाते हुए 2008 में चन्द्रयॉन मिशन-1 और चन्द्रयॉन मिशन -2 को मंजूरी देकर भारत का ध्वज अंतरिक्ष में लहराया। 2008 में ही उर्जा संकट सेे निपटने के लिए अमेरिका के साथ परमाणु समझौता किया, जिससे भारत में पहली बार वैश्वीक परमाणु बाजार में प्रवेश किया, तत्पश्चात 2009 में शिक्षा के अधिकार का कानून लाकर देश के 6 से 14 वर्ष आयु वर्ग के हर बच्चे को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार देकर बच्चों का भविष्य उज्जवल किया, 2013 में भोजन का अधिकार अधिनियम लागू किया जो कि देश की दो तिहाई परिवारों को और गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन कर रहें परिवारों के लिए वरदान साबित हुआ।

 देश के विकास के लिए अनेक विकास परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण करने पर प्रभावित नागरिको को उचित मुआवजा के लिए 2013 में भूमि अधिग्रहण कानून लागू किये, जब पूरी दुनिया आर्थिक संकट से जूझ रही थी तब 2004 से 2008 के बीच भारत की जीडीपी वृद्धि दर 8 प्रतिशत से अधिक रखने वाले डॉ. मनमोहनसिंह जी की नीतियों ने विश्व को चौंका दिया था और भारत का डंका वास्तविकता में पूरी दुनिया में बज रहा था। डॉ. मनमोहन सिंह जी के कुशल नेतृत्व में महिला आरक्षण के साथ साथ महिला सशक्तिकरण, सामाजिक और स्वास्थ्य सुधार की योजनाओं को लागू कर ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाया। यह उनके कार्यकाल के कुछ आंशिक महत्वपूर्ण कार्य है इसके अलावा भी जो कार्य उन्होंने बगैर प्रचार-प्रसार से देश की तरक्की के लिए किया है जिसका फायदा वर्तमान में भी और भविष्य में भी भारत की आने वाली पीढ़ियों को मिलता रहेंगा। देश के पूर्व प्रधानमंत्री भारत माता के सपूत डॉ. मनमोहनसिंह जी के 92 वर्ष की आयु में परलोक गमन से पूरा देश ही नही पूरी दुनिया ने आज एक महान् अर्थशास्त्री खो दिया, लेकिन उनके जाने के बाद भी भारत के दिल में डॉ. मनमोहनसिंह जिंदा है, 2 मिनट का मौन धारण कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।।

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