चेक पोस्ट बंद, चेक पॉइंट चालू, रफ्तार से जूझते अधिकारी और कर्मचारी
महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश को जोड़ने वाले मुख्य मार्ग
सिवनी
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा अंतरराज्यीय चेक पोस्ट बंद करने के बाद परिवहन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के सामने नए चेक पॉइंट्स पर सुरक्षा का गंभीर संकट खड़ा हो गया है। सिवनी जिले के मेटेवानी गांव के पास बना चेक पॉइंट इसका प्रमुख उदाहरण है, जहां अधिकारी तेज रफ्तार ट्रकों से जूझते नजर आ रहे हैं।
मुख्य खबर:
मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के कुरई थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम मेटेवानी के पास पुराने आरटीओ चेक पोस्ट की जगह अब चेक पॉइंट चालू किया गया है। यह पॉइंट महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश को जोड़ने वाले मुख्य मार्ग पर स्थित है। चेक पोस्ट बंद करने के बाद सरकार ने ओवरलोडिंग और राजस्व की जांच के लिए चेक पॉइंट तो बनाए, लेकिन पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम नहीं किए।
खतरों से जूझते कर्मचारी:
यहां तैनात अधिकारी और कर्मचारी ट्रकों को रोकने के लिए अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं। तेज रफ्तार से गुजरते भारी वाहन न तो कानून का डर रखते हैं और न ही अधिकारियों की मौजूदगी का। ऐसे में कई बार ट्रक कर्मचारी को कुचलने की कोशिश करते हुए आगे बढ़ जाते हैं, और अधिकारी अपनी जान बचाते नजर आते हैं।

परिवहन उप निरीक्षक मोनिका मीणा का बयान:
चेक पॉइंट पर तैनात परिवहन उप निरीक्षक मोनिका मीणा ने बताया कि, “ओवरलोड और राजस्व की जांच करना हमारा कर्तव्य है, लेकिन इसमें काफी रिस्क होता है। बेलगाम वाहन रुकने का नाम नहीं लेते, फिर भी हम अपनी ड्यूटी निभाते हैं।”
सुरक्षा इंतजाम का अभाव:
सवाल यह उठता है कि जब सरकार ने चेक पोस्ट बंद कर दिए तो नए चेक पॉइंट पर अधिकारियों की सुरक्षा के लिए बैरिकेडिंग या अन्य कोई ठोस व्यवस्था क्यों नहीं की? तेज रफ्तार वाहनों को नियंत्रित करने के लिए कोई मैकेनिज्म न होने से अधिकारी न सिर्फ असुरक्षित महसूस कर रहे हैं, बल्कि उनके कार्य में बाधा भी आ रही है।
निष्कर्ष:
मध्य प्रदेश के चेक पॉइंट्स पर अधिकारियों और कर्मचारियों की सुरक्षा सरकार के लिए बड़ा मुद्दा है। जब तक यहां पर्याप्त बैरिकेडिंग, सुरक्षा व्यवस्था और ट्रैफिक नियंत्रण के उपाय नहीं किए जाते, तब तक इन चेक पॉइंट्स पर कार्यरत अधिकारी-कर्मचारियों की जान जोखिम में बनी रहेगी।।