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मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने दो आरोपियों को नीलगाय और जंगली सुअर के शिकार के आरोप में सजा सुनाई है। इन आरोपियों ने वन्य-प्राणियों का शिकार करने के लिए विद्युत करंट का उपयोग किया था, जो एक गंभीर अपराध है।

सजा का विवरण:

आरोपी: रामपाल पिता सुखलाल बंजारा (डोंगरगांव निवासी) और राजू पिता कमान इवनाती (रैयतवाड़ी निवासी)।

सजा: 3-3 वर्ष का सश्रम कारावास।

अर्थदंड: 60-60 हजार रुपये।

यह मामला पेंच टाइगर रिजर्व के खमारपानी वन परिक्षेत्र का है। वन्यजीव संरक्षण कानूनों के तहत इस प्रकार का शिकार गैरकानूनी है। राज्य सरकार की ओर से सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री अभयदीप सिंह ठाकुर ने इस मामले में पैरवी की।

यह निर्णय वन्यजीव संरक्षण और वन्यजीव अपराधों पर सख्ती से कार्रवाई का एक उदाहरण प्रस्तुत करता है।

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