पुत्रो को दिया चिरआयु का वरदान
हलषष्ठी पर्व में माताओं ने रखा व्रत
जिले भर में महिलाओं ने किया विधि विधान से पूजन

मंडला- हलषष्ठी पर्व में पुत्रवती महिलाओं ने व्रत धारण कर अपने पुत्रो को चिरआयु होने का वरदान दिया। महिलाओं ने भगवान विष्णु की पूजा अराधना की और पुत्रों का तिलक किया। पुत्रों ने माता के चरण छूकर आर्शीवाद लिया। हलषष्ठी पर्व शहर सहित नगरो व ग्रामो में मनाया गया। पर्व के चलते बाजार में चहल पहल बढ़ गई है। खरीद करने लोग बाजार पहुंचे।
हरछठ में गाय के दूध से बनी किसी भी वस्तु का सेवन नहीं किया जाता। इस दिन पसी के चावल खाये जाते है। व्रती महिलाओं ने व्रत के बाद पसी के चावल खाये। महिलाएं हलषष्ठी पर्व में व्रत धारण कर भगवान विष्णु का पूजन किया। इस दिन गो माता की पूजा भी की जाती है। शाम के समय महिलाओं ने विविध उपचारो से पूजन संपन्न किया। गो माता की पूजा की गई।
भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष में हलषष्ठी पर्व मनाया जाता है। शास्त्रो में बताया गया कि पुत्रवती स्त्रीयां अपने पुत्र की रक्षा एवं लंबी आयु के लिये यह व्रत करती है। वस्तुत: यह गो-पूजा का पर्व है। बताया गया कि जिस प्रकार माता की तरह गाय अपने दूध से मनुष्य की रक्षा करती है उसी भाव से सभी को यह व्रत करना चाहिया।