संतान की दीर्घायु के लिए माताएं रखेंगी व्रत

नैनपुर – . संतान की दीर्घायु को लेकर रखा जाने वाला पर्व हलषष्ठी 24 एवं 25 अगस्त को मनाया गया। ज्यादातर महिलाएं आज 25 अगस्त को व्रत रखेंगी। शनिवार को पर्व की खरीदारी के लिए बाजार में काफी भीड़ देखने को मिली।

हाथ ठेलों में पूजन सामग्री रख कर बढ़ चौराहा से तहसील तिराहा मार्ग में व्यापारी खड़े रहे। जिससे शाम के समय आवागमन में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। चार पहिया वाहन बड़ चौराहा से तहसील तिराहा तक आना जाना नहीं कर सके। स्टेडियम ग्राउंड मार्ग के पास कई बार ऑटो व चार पहिया वाहन चालकों को जाम में परेशान होना पड़ा। इसके साथ ही शहर के चौक-चौराहों में पसहर चावल की बिक्री अधिक हुई। पिछले साल की तुलना में इसमें 15 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई है। संतानों की दीर्घायु की कामना लेकर माताएं हलषष्ठी पर्व पर कठिन व्रत रखकर पूजा-अर्चना करती हैं।

बिना जोते खेतों में पैदा होता है पसहर

इस पर्व पर उपवास तोड़कर खास अन्न पसहर चावल का सेवन करेंगी। यह चावल सप्ताह भर पहले बाजार में पहुंच जाता है। मान्यता है कि, इस चावल से ही व्रत तोडऩे का सदियों पुरानी परंपरा है। बाजार में पसहर चावल 20 से 30 रुपए पाव में बिक रहा है। इसमें भी अलग-अलग किस्म के पसहर चावल हैं। मोटा और साफ चावल के भाव तय कर दिए गए हैं।

हलषष्ठी पूजन

भादो माह के षष्ठी तिथि 24 अगस्त को दोपहर 12.30 बजे से शुरू हुआ और 25 अगस्त को सुबह 10.11 बजे तक रहेगा। हलषष्ठी पर्व को महिलाएं पूरे उत्साह के साथ मनाती है। भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा कर कमर छठ की कहानी सुनेंगी। इस मौके पर महिलाएं मिट्टी की नाव बनाकर सगरी में छोड़ेंगी। शाम को सूर्य डूबने के बाद वे पसहर चावल और भाजी व दही खाकर अपना व्रत का पारणा करेंगी।

बलराम का जन्मदिन

कि हल षष्ठी पर्व हर वर्ष भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाई जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस तिथि पर भगवान कृष्ण के बड़े भाई बलरामजी का जन्म हुआ था। उन्हे शस्त्र के रूप हल मिला था। इसलिए इस पर्व को हलषष्ठी कहा जाता है।

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