मण्डला
समाज सेवा ही जन सेवा है,संगठन का निर्माण आज से 6 साल पूर्व 2018 में किया गया था संगठन के संस्थापक मनोज वाडिवा ने लोगों की परेशानियों को देखते हुए यह संगठन का निर्माण जरूरतमंद लोगों को निशुल्क ब्लड (खून) प्रदान करने हेतु किया था जिससे की ब्लड (खून) की समस्या से जूझ रहे लोगों की भलीभांति मदद हो सके। आज के दौर में एक यूनिट ब्लड लगभग 2000 से 3000 में खरीदना पड़ता है अस्पताल एक ऐसी जगह है जहां पर लोग बीमारियों के चलते पहले से ही परेशान रहते हैं ऐसी स्थिति में पैसों का इकट्ठा करना बहुत मुश्किल जाता है और पैसों का ना होना बहुत बड़ी समस्या है ऐसी समस्याओं को देखते हुए यह संगठन का निर्माण किया गया है इसका नामकरण भारत के प्राचीन नाम से है गोंडवाना लैंड गोंडवाना मतलब भू-भाग और लैंड आने धरती भारत की धरती को प्रतीक मानकर इस संगठन का नामकरण किया गया।
यह संगठन 6 वर्षों से लगातार मंडला की धरती में निस्वार्थ भाव से रक्तदान करने का कार्य कर रहा है वर्तमान संगठन में लगभग 200 से 250 कार्यकर्ता निस्वार्थ भाव से जरूरतमंद लोगों को वा समाज के गरीब, मजबूर, असहाय लोगों को निशुल्क ब्लड डोनेट(रक्त दान)करने का काम कर रहे हैं। वही संगठन के सजग एवं जांबाज सिपाही विभिन्न प्रकार के रक्त ग्रुप का दान कर पीड़ित लोगों को जीवन दान देने का एक सराहनीय कार्य कर रहे हैं।
रक्तदान महादान
पीड़ित लोगों को जीवन दान, इसी अवसर पर गोंडवाना रक्तदान संगठन गढ़ा मंडला का विस्तार करते हुए बहुत सारे लोगों को संगठन से जोड़ा गया एवं नियुक्ति भी प्रदान की गई।
दयाल सिंह परते, दिलराज मरावी, दिलीप मरावी, सहदेव मरावी, दिलीप मर्सकोले, देवेंद्र मरकाम, जगदीश मर्सकोले, जोबिन धुर्वे, नरेंद्र परते, प्रदीप परते, समीर तिलगाम, अजय लुहार, आशीष मरकाम, रजनेश परते,इत्यादि समस्त लोगों को सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया एवं महेश उइके को संरक्षक की नियुक्ति मिली वही सुरेंद्र सिंह ने संयोजक का पद संभाला।
गोंडवाना रक्तदान संगठन गढ़ा मंडला के संस्थापक व अध्यक्ष मनोज वाडिवा के द्वारा समस्त नव नियुक्त सदस्यों व पदाधिकारिओ को हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है।