नैनपुर

जिले में सच में ही अधिकारियों कर्मचारियों के द्वारा आदिवासियों का शोषण हो रहा है। जिसमे अधिकारी और कर्मचारी के लिऐ मंडला जिला अवैध पैसा कमाई करने का अड्डा बन गया है। जिले में जो भी अधिकारी आता है। वो लोटा लेकर आता है। और कुछ सालों में करोड़ पति बन जाता – है। वही सिर्फ पैसा और जनता के पेसो का शोषण कर रहा है। और कम समय में करोड़ पति बन जाता है। वही नैनपुर महाविद्यालय के प्राचार्य ने अपने कार्यकाल में कालेज को भूत बगला बना दिया है। वही मरम्मत के नाम शासन के लाखों रूपये डकार गए है। जब कोई शिकायत होती है। तो अगर शासन स्तर से जांच होती है। तो बड़े मामले निकलकर आ सकते है। वही नैनपुर कालेज में ऐसे अनेक खरीदी और निर्माण किए गए है। जिसमें जमकर घोटाला किया गया है। वही सूचना के अधिकार में जब जानकारी मांगी जाती है। तो प्राचार्य महोदय नियम कानून में उलझा कर जानकारी नहीं देते है। जिसके कारण आज तक मामला उजागर नहीं हो सका है। वही कुछ माह पहले ही ओपन जिम के समान खरीदी में भी गड़बड़ की जानकारी मिली है। वही जहां जिम स्थापित किया गया है। वहा कचरे का ढेर लगा है। सफाई नाम की कोई व्यवस्था ही नही है। लगा कर सिर्फ खानापूर्ति कर दी गई है। वही महाविधालय के प्राचार्य की उच्च स्तर की जांच होनी चाहिए। जिसमे करोड़ों के घोटाले उजागर होगे।

नैनपुर शासकीय स्नातक महाविद्यालय विगत दिसंबर माह में विधायक निधि से पुताई का कार्य करवाया गया है। जिसमे नैनपुर महाविद्यालय की बिल्डिंग की पुताई की गई है। मगर प्राचार्य ने पहले सिटिंग से निविदा जारी की गई फिर पुताई के ठेकेदार
के साथ मिलकर ऐसा चुना लगाया की पुताई 6 माह टिक भी नही सकी और पहली बारिश में घुल गई है। और कालेज फिर से काला महल कह लो या भूत बगला सा दिखाई दे रहा है। वही प्राचार्य ने तो अपने कार्यकाल में ऐसा काम किया है। की अगर शासन जॉच करवाती है। ऐसे ऐसे घोटाले निकलकर आयेगे की मंडला जिला भी चौक जायेगा वही जब शिकायतकर्ता के
द्वारा नैनपुर महाविद्यालय की पुताई की शिकायत सीएम हेल्पलाइन की शिकायत में तो प्राचार्य आई के यादव द्वारा सीएम हेल्प लाइन में शिकायतकर्ता की बिना सहमति के झूठ जवाब प्रस्तुत कर दिया है। जबकि शिकायकर्ता के द्वारा महाविधालय में प्राचार्य के समक्ष उपस्थित होकर जाँच करने की बात कही गई थी। वही प्राचार्य ने शासन को गुमराह करते हुऐ महाविधालय में विधायक निधि के पैसे की जमकर होली खेली है। और महाविधालय की पुताई के 5 लाख की साठ गांठ कर पूरे मामले में गोल मोल कर दिया गया है। वही प्राचार्य ने पुताई में ऐसा खेल रचा की पूरे कालेज की पुताई चुना से करवा दी वही पुताई एक बारिश भी नहीं टिक पाई और आज कालेज काला महल दिखाई देने लगा है। मगर वही जब इसकी जानकारी महाविद्यालय के जबाबदारो से जननी चाही गई तो उनका कहना है। पुताई कोई घोटाला नही हुआ है। शिकायतकर्ता के द्वारा झूठी शिकायत की जा रही है।।

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