मंडला

जिला मुख्यालय में कलेक्टर कार्यालय और तहसील कार्यालय से महज़ फर्लांग भर की दूरी पर पटवारियों का समांतर कार्यालय संचालित हो रहा है, जहाँ कार्यालय समय में बैठकर पटवारी सरकारी काम मनमाने तरीके से निपटा रहे हैं । जबकि इस कार्यालय के संचालन की कोई विभागीय अनुमति नहीं है। स्टेट बैंक की मुख्य शाखा के ठीक सामने एक निजी भवन के प्रथम तल पर पटवारियों ने बिना किसी अनुमति के अपना सामांतर कार्यालय खोल रखा है और बकायदा कार्यालय समय में यहाँ बैठकर अपने तरीके से शासकीय काम निपटा रहे हैं । पटवारियों ने यहाँ अपना निजी स्टाफ भी तैनात कर रखा है, कार्यालय में फोटो कापी मशीन, कम्प्यूटर, कूलर, पंखे, कुर्सी टेबल आदि सभी कुछ है। प्रश्न यह है कि बिना किसी विभागीय अनुमति के लंबे समय से यह कार्यालय कैसे संचालित हो रहा है जबकि इसकी जानकारी विभाग प्रमुख को भी है।

बिना किसी विभाग प्रमुख के संचालित इस कार्यालय में पटवारियों का अपना राज है और अपने मन के मालिक है।पटवारियों के आने जाने का कोई समय नियत नहीं है। किस काम को कब करना है ये पटवारियों की इच्छा पर निर्भर करता है। वरिष्ठ अधिकारियों का नियंत्रण नहीं होने के कारण इनकी स्वेच्छाचारिता इतनी बढ़ गई है कि इनके द्वारा राजस्व कार्यों को निपटाने अपनी रेट लिस्ट बना रखी है। इसके साथ ही ये पटवारी यहाँ से जमीन के क्रय- विक्रय का व्यवसाय कर भूमाफियाओं को संरक्षण दे रहे हैं।

अवैध तरीके से संचालित हो रहे इस कार्यालय में किसानों को नामांतरण , बटवारा, सीमांकन, दस्तावेज सुधार, फौती आदि कार्य को तब तक लंबित रखा जाता है जब तक किसान बेबस होकर इन्हें दान दक्षिणा नहीं दे देता।

जिला मुख्यालय के अंदर और कलेक्टर कार्यालय के समीप इस तरह गैरकानूनी तरीके से इन शासकीय कर्मचारियों का सामांतर कार्यालय का संचालन अपराधिक कृत्य है और इसमें संलिप्त पटवारियों के ख़िलाफ़ कठोर कार्यवाही की जानी चाहिए ।

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