सिवनी
सिवनी जिले के अंतर्गत तहसील में जनता को और सरकार को लूटने वाले अवैध कालोनाइजरो को बचाने का कार्य किया जा रहा है। वही जहां जनता छोटे-छोटे काम के लिए भी दर-दर की ठोकर खाने के लिए मजबूर होती है वही यह अवैध कॉलोनी के मालिकों के एक इशारों पर काम करते हैं तहसील में खुली लूट मची हुई है हर काम के पैसे फिक्स हैं वही किसका काम करना है किसका नहीं करना है। यह वहां जमें बरसों से धूल और घूस खा खा के मोटे हो गए अधिकारी कर्मचारियो के एक ही स्थान पर कार्य करने के कारण हो रहा है।
राजस्व की अधिकारियों ने सिर्फ 29 कॉलोनीयों को चिन्हित किया है बाकी डेढ़ सौ से अधिक कॉलोनाइजर को बचाने का काम कर रहे हैं कुछ कॉलोनाइजर खुले आम बोल रहे हैं पैसा फेंको और तमाशा देखो, वहीं कुछ कॉलोनाइजर ने झूठी परेशानियां बताकर अपने को बचाने का प्रयास कर रहे है। कुछ ने पढ़ाई का बहाना कर, कुछ ने पारिवारिक समस्या बताकर अपने आप को बचाने की प्रार्थना की है अधिकारी सब जानते हैं कि यह झूठ बोल रहे हैं क्योंकि कॉलोनाइजर के इशारों पर सरकारी कर्मचारी इनको बचाने का काम करते हैं और इसके बदले में मोटी रकम अपने जेब में डालते हैं आज हम कुछ कॉलोनाइजरों के नाम बता रहे हैं जिनको छोड़कर कुछ कॉलोनाइजर पर
कार्रवाई कर रहे हैं यह कॉलोनाइजर जिनके नाम हम उजागर कर रहे हैं इनको क्यों छोड़ा गया ..
कालोनियो का मकड़जाल परतापुर रोड में नरेंद्र ठाकुर/ भैया लाल, नंदकिशोर शोनकेशरिया परतापुर रोड, राजकुमार सनोडिया, अंजलि सोनकेशरिया, यशवंत सनोडिया,कामता सनोडिया,अमित गया प्रसाद सनोडिया, वही बम्होडी में अवैध….नरेंद्र ठाकुर, राजेश सनोडिया/ बाबूलाल योगेश जंघेला, ओम प्रकाश सनोडिया, ज्ञानचंद सनोडिया, विष्णु विश्वकर्मा,रूपक चौरसिया, कुलदीप अग्रवाल, महादेव अग्रवाल, आदि……
अवैध कॉलोनाइजरो के नाम क्यों नहीं बता पा रहे हैं पटवारी, क्यों नहीं है शासन को लूटने वालों के नाम, क्यों नहीं है खेती की जमीन पर प्लाटिंग करने वालों के नाम …. ?