सिवनी, दिनांक 01/07/2024
मध्यप्रदेश नर्सिंग घोटाला, एनएसयूआई के रवि परमार सिवनी जिले के विशाल बघेल ने नर्सिंग घोटाले को लेकर अनेक शिकायते की, किन्तु उनकी शिकायतो पर कोई कार्यवाही नही हुई, उल्टा रवि परमार पर फर्जी मामले दर्ज कर दिये गये, इन्होंने माननीय उच्च न्यायालय में नर्सिंग घोटाले की जांच को लेकर जनहित याचिका दायर की, कोर्ट ने शिकायत पर संज्ञान लेते हुये सीबीआई जांच के आदेश दिये, सीबीआई द्वारा जांच की गई अनेक नर्सिग काॅलेजो को अयोग्य पाया। सीबीआई उन पर कार्यवाही करने के बजाए उन काॅलेजो से लाखो रूपय की रिश्वत ली, जिसकी शिकायत हुई, सीबीआई के अनेक अधिकारी इस रिश्वत कांड में लिप्त पाये गये।
सीबीआई अधिकारी, सीबीआई इंस्पेक्टर, नर्सिंग काउंसिल के अधिकारी, पटवारी और दलाल सभी के चार्ज रिश्वत के रूप में फिक्स कर दिये गये, सीबीआई जिसकी जांच पर पूरा देश विश्वास करता है वह भी रिश्वत खोर निकले, नर्सिंग के बच्चो को न्याय नही मिला, 3 से 4 वर्षो से छात्र-छात्राएॅ परीक्षा के लिए भटक रहें है उनके यह वर्ष बेकार गये। मध्यप्रदेश सरकार ने भी मौके का फायदा उठाते हुये इंड़ियन नर्सिंग काउंसिल के नियमो को धता बताते हुये, नर्सिंग काॅलेजो के नियमों में बदलाव कर दिया, जांच में जो काॅलेज अयोग्य पाये गये उन्हें भी योग्य कर दिया गया, उन काॅलेजो से भी मोटी रकम लेना प्रारंभ कर दिया।
जिला कांग्रेस कमेटी सिवनी द्वारा इस संबंध में कचहरी चैक में धरना देकर जिला कलेक्टर कार्यालय जाकर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग और अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान एवं श्री निशांत बरबडे पर कार्यवाही करने जिला कलेक्टर के माध्यम से महामहिम राज्यपाल जी के नाम ज्ञापन सौंपा गया। मध्यप्रदेश में नर्सिंग काॅलेज की मान्यता संबंधी बड़ा घोटाला हुआ है जिसमें अस्तित्वहीन नर्सिंग काॅलेजों की मान्यता एवं नर्सिंग काॅलेज से संबंधित छात्र-छात्राओं के भविष्य से खिलवाड़ किए जाने की घटना विस्तृत रूप से उजागर हुई है। मध्यप्रदेश के लाखों छात्र-छात्राओं का भविष्य अधर में लटका हुआ है। नर्सिंग घोटाले में प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के कार्यकाल की घटनाएॅ उजागर हुई है जिसके लिए मंत्री विश्वास सारंग सीधे सीधे जिम्मेदार है लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि मंत्री विश्वास सारंग आज भी अपने पद पर काबिज है।।