मंडला

नैनपुर क्षेत्र में हाईवा जो चल रहे हैं यह सब मानो यमदूत ही दौड़ रहे हो जाने कब किसको यमराज के पास पहुंचा दें..??
पिछले कुछ वर्षों से देखने को मिल रहा है कि यह जो क्षेत्र में एक्सीडेंट हो रहे हैं

एक्सीडेंट नहीं है..??? हत्याएं हैं..??? पहले भी एक्सीडेंट हुआ करते थे.. एक दो महीने में एकाध किंतु अब तो बाढ़ सी आ गई है..!! प्रतिदिन एक एक्सीडेंट क्षेत्र में होता है..!!! क्या सकरी गलियां क्या रोड क्या गांव की रोड हो, क्या राज्य मार्ग क्या राष्ट्रीय राजमार्ग और कामोवेश एक्सीडेंट में भारी वाहन हाईवा ही ज्यादातर रहता है …!!!

लोग निमित्त मानकर नियति मानकर अवर्दा मानकर छोड़ देते हैं किंतु गौर करने वाली बात यह है कि पैसे कमाने की हवस में आदिवासी जिले को कमाऊ कुंड समझ रखा है अन्य क्षेत्र में भी बाहर के अधिकारी कर्मचारी ठेकेदार यही रवैया अपना रहे किंतु हाईवा से मौत का कारण तो हत्या ही समझ में आता है क्योंकि अधिकांश हाईवा मलिक जिले के बाहर के हैं राजनीतिक संरक्षण में काम कर रहे हैं… और दिन में दो ट्रिप रात में पांच ट्रिप लगवा रहे हैं ..???
अब तो आलम यह है कि लाइसेंस धारी चालक केस बनवाने के पैसा लेता रहता है..!!! और गाड़ी नहीं चलता बल्कि नशेड़ी नाबालिक जिनको ट्रैक्टर चलाना भी नहीं आता वह ही हाईवा दौड़ा रहे …???
उनके पैर एक्सीलेटर ब्रेक में नहीं पहुंच पा रहे.. किंतु पैसे की हवस में कई जिंदगियों को खत्म करते हुए यह बेखौफ होकर चलाते हैं.!!! हत्याओं को एक्सीडेंट का मामला बनाने के लिए पूरा का पूरा संवैधानिक ढांचा बैठा हुआ है प्रशासन पोस्टमार्टम न्यायपालिका आदि सभी…??? आदिवासी जिले में जिंदगी का कोई मूल्य नहीं बचा ..!!! जिसके घर का चिराग बुझता है ना उसे पता चलता है वह इस खोज में नहीं जाता की नशा करके नाबालिक चल रहा था या लाइसेंस धारी था ..??वह तो अपने-अपनी किस्मत को वहीं समाप्त मान कर आगे संघर्ष शुरू कर देता है.. और अपना जीवन यापन अपनों के बगैर जीना प्रारंभ कर देता है…!! यही कड़वा सच कई वर्षों से सबके मन में कौंध रहा है..??? किंतु बोलने वाला कोई नहीं इस मामले में खासकर राजनीतिक दल तो मौन साधे हुए हैं..??

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *