पुलिस अधीक्षक सिवनी श्री कुमार प्रतीक द्वारा अवैध गतिविधियों के नियंत्रण व कार्यवाही हेतु सभी थानों को निर्देशित किया गया

निर्देशों के परिपालन में दिनांक 11 मई 2021 को थाना कान्हीवाड़ा में मुखबिर से सूचना प्राप्त हुई कि एकता ढाबा दिवारा टोला में एक गहु से भरा ट्रक खड़ा जिसमें से कुछ गेहु की बोरिया उतारकर एकता ढाबा में रखे गये हैं तथा एक आयशर एवं एक 407 वाहन खड़ा है जिसमे से उक्त गेहूँ की बोरियाँ भरकर कही जाने वाली है।
थाना प्रभारी कान्हीवाडा द्वारा टीम को मुखबिर के बताए स्थान पर रवाना किया गया एकता ढाबा छुई पहुँचने पर एक ट्रक जिसका क्रमांक MP 53 HA 2600 मिला जिसके चालक शिवकुमार गोंड से पूछताछ करने पर बताया गया कि वाहन में गेहूँ की बोरिया हैं जिसे वह सुनहेरा सोसाइटी से यूनियन वेयर हाउस डुंगरिया ले जा रहा हैं। ढाबा के पीछे आयशर वाहन MP 22 G 4256 जिसमे 18 नग गेहूँ व एक पिकअप 407 जिसका क्रमांक MP 22G 2321 जिसमे 16 नग गेहूँ की बीरिया रखी थी दोनों के वाहन चालक क्रमश: मनोज उर्फ मोनू वरकडे व रहीम पिता हामिद खान ने बताया कि उन्होंने ये बोरियां एकता ढाबा के अंदर से ले कर रखी हैं।

पुलिस टीम द्वारा एकता ढाबा के अंदर चेक करने पर 236 गेहू से भरी बोरिया मिली जिन पर सुनहेरा खरीदी केंद्र का मार्क लगा हुआ है साथ ही 23 नग खाली बारदाने (बोरी) जिन पर स्टेट सिविल सप्लाई कॉर्पोरेशन लिखा हुआ है इस संबंध में ढाबा संचालकों अमज़द पिता मुमताज़ खान व सुरेंद्र तिवारी दोनों निवासी छुई से पूछताछ की गई तो दोनों ने कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दिया।
उक्त सभी गेंहू की बोरियों को विधिवत जप्त कर वजन एवं सुरक्षार्थ नगझर भेजा गया। आयशर ट्रक MP22G4256 व पिकअप 407 जिसका क्रमांक MP 22G 2321 को जम कर सुरक्षार्थ थाना परिसर में खड़ा किया गया।
गेहूँ की जब्ती उपरांत खाद्य विभाग को रिपोर्ट भेजकर प्राथमिक जांच रिपोर्ट प्राप्त की गई। रिपोर्ट प्राप्ति उपरांत रविकांत साहू निवासी केवलारी, ट्रक क्रमांक MP53 HA 2600 का चालक शिवकुमार नि. मेहरा पलारी, सुनेंद्र तिवारी नि. छुई, अमजद खान नि. छुई, वाहन आयसर MP22G4256 का चालक नि. छुई, वाहन क्रमांक MP 22 G 2321 पिकअप 407 का चालक नि.छुई के विरुद्ध थाना कान्हीबाड़ा में अपराध क्रमांक 141/2021 धारा 407,420,34 आईपीसी का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
सराहनीय कार्य
अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) केवलारी श्री बी. एस गोठरिया, थाना प्रभारी काहीवाड़ा निरी अजय मरकाम, उनि एल. एल पटले, सउनि सुशील त्रिपाठी, आर मोहसिन, आर पराग का योगदान रहा।