लॉकडाउन में खड़ी बसों को करमुक्त किये जाने की मांग, बस तो चली नही,आमदनी शून्य, घाटे के कारण टैक्स जमा करने की स्थिति में नही संचालक

सिवनी

कोरोना महामारी के कारण देश के साथ संपूर्ण मप्र में भी लॉकडाउन/कफ्र्यू मप्र सरकार एवं जिला प्रशासन द्वारा लागू किया गया है। जिसमें सभी व्यवसायिक प्रतिष्ठान स्कूल,कॉलेज,हॉट बाजार, कोट कचहरी सभी कुछ बंद है। सिर्फ शादियों के लिए दोनों पक्षों की ओर से कहीं 10 कहीं 25 तो कहीं 50 लोगों की उपस्थिति के साथ संपन्न करने की अनुमति है। वहीं प्रदेश सरकार एवं जिला प्रशासन द्वारा जनता को घर से बाहर निकलने पर प्रतिबंध लगाया गया है। ऐसे हालात में यात्री अभाव के कारण बस संचालन संभव नही है। इसी बात को जिला प्रायवेट बस ऐसोसिएशन के जिलाध्यक्ष तेजबली सिंह ने अपनी विज्ञप्ति में कहा है।

बस संचालन बंद,एक माह का अतिरिक्त लगा टैक्स

तेजबली सिंह ने कहा है कि संपूर्ण मप्र में 9 अप्रैल से लगभग 98 प्रतिशत बस संचालन यात्री अभाव में बंद है। अप्रैल का टैक्स फालतू गया। आमदनी शून्य रही है। एक वर्ष से मप्र के बस संचालक भारी घाटे के कारण ना तो टैक्स जमा करने की स्थिति में है,ना केएम फार्म की फिस भरकर बस खड़ी करने की स्थिति में है। छोटे-छोटे एवं बस मालिक तो परिवार का भरण-पोषण भी ऋण लेकर कर रहे है। उनकी हालत अत्यधिक दैनिक है। इसी के साथ ही आवागमन के साधन बंद होने से आरटीओ कार्यालय स्थित वाले शहर को छोड़कर अन्य स्थानों के संचालक आरटीओ ऑफिस पहुंचकर सूचना देने की स्थिति में भी नही है। और किसी प्रकार निकलने का प्रयास भी करें तो कोरोना से संक्रमित होने का 100 प्रतिशत खतरा है। महामारी के चलते देश एवं प्रदेश की हालत खराब है।

खड़ी बसों को असंचालित बस माना जाये-

प्रायवेट बस ऐसोसिएशन के जिलाध्यक्ष तेजबली सिंह ने आगे कहा कि कोरोना महामारी एक राष्ट्रीय आपदा है और राष्ट्रीय आपदा के विंहगम रूप के कारण माननीय न्यायालय भी बार-बार शासन-प्रशासन द्वारा आदेशित किया जा रहा है कि व्यवस्थाऐं कैसी हों। अर्थात राष्ट्रीय आपदा में सारे नियम कानूनों को उनकी जगह राष्ट्रीय आपदा अधिनियम ले लेता है।

अत:आदेशित किया जावे कि जो बस संचालक जहां पर है, अपनी बस के रजिस्टे्रशन नम्बर से ओ-फार्म की रसीद कटावे, जिनकी रसीद कट जावेगी उन बसों को नॉनयूज (असंचालित) माना जावे। इस संबंध में परिवहन आयुक्त से भी अनुरोध है कि परिवहन विभाग के मैदानी मुखिया होने के नाते बस ऑपरेटरों की वस्तुस्थिति सरकार तक पहुंचाकर राहत दिलाने की भी कृपा करें ।।

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