मैं सबसे पहले बीजापुर में शहीद हुये जांबाजों को सलाम करता हूं। इन्हीं शूरवीरों के बुलंद हौसलों से देश चैन की नींद सोता है। जब से मैंने 22 जवानों की शहादत की खबर सुनी है। तब से मेरे दिल में एक सवाल बार-बार उठ रहा है। आखिर हमारे देश की रक्षा में लगे जवानों के हत्यारे अब तक जिंदा क्यों हैं? मैं इन्हें नक्सली नहीं आतंकवादी कहता हूं। इनके ताबूत में आखिरी कील ठोकनी ही होगी। इस लाल आतंक का सर्वनाश करना ही होगा।।

मैं पूछना चाहता हूं, इन आतंकवादियों को बढ़ावा देने वाले ‘अर्बन नक्सली’ अबतक खुलेआम कैसे घूम रहे हैं। नक्सलियों के इन हमदर्दों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। इन पर UAPA लगना चाहिए। आज ये योगेंद्र यादव जैसे लोग कहां चले गये? टुकड़े टुकड़े गैंग के समर्थकों के मुंह में आज दही क्यों जम गया है ।।
आज देश के गृहमंत्री अमित शाह ने नक्सलियों के सर्वनाश का सायरन बजा दिया है। अमित शाह ने साफ साफ शब्दों में कहा है की अब इन दहशतगर्दों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई का समय आ गया है। इन नक्सलियों का वैसे ही सफाया होना चाहिए, जैसे हमारी सेना ने जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों का सफाया कर रही है ।।
मैं पूछना चाहता हूं कि कहां चला गया वो मोमबत्ती गैंग? देशवासियों देशविरोधियों के समर्थन में मोमबत्ती जलाने वाले लोगों की आज एक भी मोमबत्ती नहीं जली? ये वो लोग हैं, जो सोशल मीडिया पर नक्सलियों के समर्थन में तारीफों के पुल बांधते हैं। लेकिन जब बात देश की होती है। जब बात की शहीदों की होती तो इन्हें सांप सूंघ जाता है। इनकी जुबान से एक शब्द तक नहीं निकलता है। दोस्तों आज मैं कह देना चाहता हूं कि नक्सलियों के ये हमदर्द पाकिस्तानी आतंकवादी हाफिज सईद से भी ज्यादा खतरनाक है।।