कन्या राशि में चंद्रमा करेंगे गोचर

सिवनी : होली का त्योहार फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को हर साल पूरे उत्साह के साथ मनाया जाता है।पूर्णिमा की रात को होलिका दहन किया जाता है और अगले दिन रंग वाली होली खेली जाती है। सदगुरु आध्यात्मिक केंद्र के धर्मगुरु ज्योतिषाचार्य पंडित रंजीत पाठक ने बताया कि इस साल 28 मार्च को होलिका दहन किया जाएगा, जबकि 29 मार्च को सुबह रंग वाली होली खेली जाएगी। हालांकि, इस होली का त्योहार इस बार अन्य कारणों से भी खास रहने वाला है।फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को रंगों का त्योहार होली मनाया जाता है। भारत में इस त्योहार को धूमधाम और पूरे हर्षोहल्लास के साथ मनाया जाता है। पूर्णिमा की रात को होलिका दहन किया जाता है और अगले दिन रंगों वाली होली खेली जाती है। लोग इस दिन गिले शिकवे भूलकर एक दूसरे के गले लगते हैं। इस बार होली के त्योहार और भी खास होने वाला है क्योंकि इस बार पूरे 499 साल बाद ग्रहों का अदभुत संयोग बन रहा है। इस होली ध्रुव योग का निर्माण हो रहा है। साल 2021 की होली में चंद्रमा कन्या राशि में विराजमान रहेंगे, जबकि गुरु शनि अपनी-अपनी राशियों में विराजमान रहेंगे। ग्रहों का ऐसा महासंयोग आखिरी बार 3 मार्च, 1521 में बना था। अब 499 साल बाद एक बार फिर होली पर ऐसा महासंयोग बनेगा। इसके साथ ही इस बार होली पर्व पर सर्वार्थसिद्धी और अमृतसिद्धी योग भी बन रहा है। ये दोनों ही बहुत शुभ योग माने जाते हैं।
क्या है संयोग :
ज्योतिषाचार्य पंडित रंजीत पाठक ने बताया कि होली पर चंद्रमा कन्या राशि में रहेगा, जबकि बृहस्पति और न्याय देव शनि अपनी-अपनी राशियों में विराजमान रहेंगे। ज्योतिषाचार्य पाठक के मुताबिक, ग्रहों का ऐसा महासंयोग 1521 में भी बना था। 499 साल बाद एक बार फिर होली पर ऐसा महासंयोग बनेगा।
होली पर ये संयोग भी बनेंगे :
रंग और खुशियों का त्योहार होली इस बार दो खास संयोग भी लेकर आ रही है। ज्योतिष के जानकार पंडित रंजीत पाठक का कहना है कि होली पर इस बार सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग भी बनेंगे।ये दोनों ही योग बेहद शुभ माने जाते हैं।
होली का शुभ मुहूर्त :
ज्योतिषाचार्य पंडित रंजीत पाठक ने बताया कि
होली होलिका दहन रविवार, 28 मार्च को किया जाएगा। इस दिन शाम 06 बजकर 36 मिनट से लेकर 8 बजकर 56 मिनट तक होलिका दहन का मुहूर्त बताया जा रहा है यानी इसकी कुल अवधि 02 घंटे 19 मिनट की रहेगी। पूर्णिमा तिथि 28 मार्च को सुबह करीब साढ़े तीन बजे से 29 मार्च की रात करीब सवा बारह बजे तक रहेगी।
ध्रुव योग का महत्व :
ज्योतिषाचार्य पंडित रंजीत पाठक ने बताया कि इस साल होली पर विशेष ध्रुव योग बन रहा है। इस दिन चंद्रमा कन्या राशि में गोचर कर रहे हैं। वहीं मकर राशि में गुरु व शनि विराजमान रहेंगे। शुक्र और सूर्य मीन राशि में रहेंगे। मंगल व राहु वृषभ राशि में रहेंगे। इसलिए होली का खास महत्व है।
होली पर ग्रहों की चाल :
ज्योतिषाचार्य पंडित रंजीत पाठक ने बताया कि होली के दिन ध्रुव योग का निर्माण हो रहा है। साथ ही साथ हिंदू पंचांग के अनुसार इस दिन चंद्रमा कन्या राशि में रहने वाले है. वहीं, शुक्र और सूर्य मीन राशि में विराजमान रहेंगे। जबकि, शनि और बृहस्पति देव मकर राशि में रहने वाले हैं। ऐसी स्थिति कई वर्षों बाद बन रही है। इससे पहले ऐसा संयोग 3 मार्च, सन् 1521 में बना था. जिसे गुजरे पूरे 499 साल हो चुके हैं।इधर, मंगल और राहु वृषभ राशि में होंगे, बुध कुंभ राशि में और केतु वृश्चिक राशि में विराजमान रहेंगे।
कब से हैं होलाष्टक :
ज्योतिषाचार्य पंडित रंजीत पाठक ने बताया कि हिंदू धर्म में होली से आठ दिन पहले सभी शुभ कार्यों पर रोक लग जाती है।इस समयावधि को होलाष्टक कहा जाता है। फाल्गुन शुक्ल अष्टमी से होलिका दहन तक होलाष्टक रहते हैं।इस बार होलिका दहन 29 मार्च को होगा, इसलिए होलाष्टक 22 मार्च से 28 मार्च तक रहने वाले हैं।होलाष्टक में शुभ कार्य वर्जित होते हैं, लेकिन जन्म और मृत्यु से जुड़े काज किए जा सकते हैं।
क्यों होते हैं होलाष्टक :
हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, हिराण्यकश्यप ने आठ दिन तक अपने पुत्र प्रह्लाद को बहुत प्रताड़ित किया था।भगवान विष्णु की भक्त प्रह्लाद पर बहुत कृपा थी, इसलिए वह हर बार उनसे बच जाते थे।तभी से होली से 8 दिन पहले होलाष्टक मनाने की परंपरा चली आ रही है।
कैसे बचे प्रह्लाद के प्राण : हिरण्यकश्यप की बहन होलिका को अग्नि में न जलने का वरदान प्राप्त था।अपने अहंकारी भाई के कहने पर होलिका अपने भतीजे प्रह्लाद को लेकर अग्नि में बैठ गई, लेकिन श्री हरि की कृपा से प्रह्लाद के प्राण बच गए और होलिका जलकर भस्म हो गई।
होली पूजा की विधि :
ज्योतिषाचार्य पंडित रंजीत पाठक ने बताया कि होलिका दहन से पहले होली पूजन का विधान है। होली पूजा से पूर्व स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं। होली पूजा के लिए आप अक्षत्, गंध, फूल, कच्चा सूत, एक लोटा जल, माला, रोली, गुड़, गुलाल, रंग, नारियल, गेंहू की बालियां, मूंग आदि का प्रबंध कर लें। इसके बाद पूजा सामग्री लेकर होलिका के स्थान पर जाएं। वहां, पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठ जाएं। फिर गंध, धूप, पुष्प आदि से होलिका की पंचोपचार विधि से पूजा करें। इसके बाद अपने पितरों, परिवार के नाम से बड़गुल्ले की एक-एक माला होलिका को समर्पित करें। इसके बाद 3 या 7 बार परिक्रमा करें। इस दौरान कच्चा सूत होलिका में लपेट दें। अब लोटे का जल तथा अन्य पूजा सामग्री होलिका को समर्पित कर दें। इस प्रकार होली की पूजा पूर्ण हो जाएगी। होली पूजा के बाद बताए गए मुहूर्त में परिजनों के साथ सार्वजनिक स्थान पर बनी होलिका के पास एकत्र हो जाएं। अब कपूर या उप्पलों की मदद से होलिका में आग प्रज्जवलित कर दें।
ज्योतिषाचार्य पंडित रंजीत पाठक के अनुसार, होली के दिन किए गए उपाय बहुत ही जल्दी शुभ फल प्रदान करते हैं। आज हम आपको होली पर किए जाने वाले ऐसे ही अचूक उपायों के बारे में बता रहे हैं, जो इस प्रकार हैं।
होली के अचूक उपाय और टोटके :
- होली की रात सरसों के तेल का चौमुखी दीपक घर के मुख्य द्वार पर लगाएं व उसकी पूजा करें। इसके बाद भगवान से सुख-समृद्धि की प्रार्थना करें। इस प्रयोग से हर प्रकार की बाधा का निवारण होता है।
- यदि व्यापार या नौकरी में उन्नति न हो रही हो, तो 21 गोमती चक्र लेकर होलिका दहन की रात में शिवलिंग पर चढ़ा दें। इससे बिजनेस में फायदा होने लगेगा।
- होली पर किसी गरीब को भोजन अवश्य कराएं। इससे आपकी मनोकामना पूरी होगी।
- यदि राहु के कारण परेशानी है तो एक नारियल का गोला लेकर उसमें अलसी का तेल भरें। उसी में थोड़ा सा गुड़ डालें और इस गोले को जलती हुई होलिका में डाल दें। इससे राहु का बुरा प्रभाव समाप्त हो जाएगा।
- धन हानि से बचने के लिए होली के दिन घर के मुख्य द्वार पर गुलाल छिड़कें और उस पर दोमुखी दीपक जलाएं। दीपक जलाते समय धन हानि से बचाव की कामना करें। जब दीपक बुझ जाए तो उसे होली की अग्नि में डाल दें। यह क्रिया श्रद्धापूर्वक करें, धन हानि नहीं होगी।
- घर की सुख-समृद्धि के लिए परिवार के प्रत्येक सदस्य को होलिका दहन में घी में भिगोई हुई दो लौंग, एक बताशा और एक पान का पत्ता अवश्य चढ़ाना चाहिए। साथ ही होली की 11 परिक्रमा करते हुए होली में सूखे नारियल की आहुति देनी चाहिए।
- अगर किसी ने आप पर कोई टोटका किया है तो होली की रात जहां होलिका दहन हो, उस जगह एक गड्ढा खोदकर उसमें 11 अभिमंत्रित कौड़ियां दबा दें। अगले दिन कौड़ियों को निकालकर अपने घर की मिट्टी के साथ नीले कपड़े में बांधकर बहते जल में प्रवाहित कर दें। जो भी तंत्र क्रिया आप पर किसी ने की होगी वह नष्ट हो जाएगी।
- यदि आपके घर में किसी भूत-प्रेत का साया है तो जब होली जल जाए, तब आप होलिका की थोड़ी-सी अग्नि अपने घर ले आएं और अपने घर के आग्नेय कोण में उस अग्नि को तांबे या मिट्टी के पात्र में रखें। सरसों के तेल का दीपक जलाएं। इस उपाय से आपकी परेशानी दूर हो जाएगी।
- बेरोजगार हैं तो होली की रात 12 बजे से पहले एक नींबू लेकर चौराहे पर जाएं और उसके चार टुकड़े कर चारों दिशाओं में फेंक दें। वापिस घर आ जाएं किन्तु ध्यान रहे, वापिस आते समय पीछे मुड़कर न देखें।
- यदि आपका पैसा कहीं फंसा है तो होली के दिन 11 गोमती चक्र हाथ में लेकर जलती हुई होलिका की 11 बार परिक्रमा करते हुए धन प्राप्ति की प्रार्थना करें..फिर एक सफेद कागज पर उस व्यक्ति का नाम लाल चन्दन से लिखें जिससे पैसा लेना है फिर उस सफेद कागज को 11 गोमती चक्र के साथ में कहीं गड्ढा खोदकर दबा दें। इस प्रयोग से धन प्राप्ति की संभावना बढ़ जाएगी।
- यदि आपको कोई अज्ञात भय रहता है तो होली पर एख सूखा जटा वाला नारियल, काले तिल व पीली सरसों एक साथ लेकर उसे सात बार अपने सिर के ऊपर उतार कर जलती होलिका में डाल देने से अज्ञात भय समाप्त हो जाएगा।
- होलिका दहन के दूसरे दिन होलिका की राख को घर लाकर उसमें थोड़ी सी राई व नमक मिलाकर रख लें। इस प्रयोग से भूत-प्रेत या नजर दोष से मुक्ति मिलती है।
- शत्रुओं से छुटकारा पाने के लिए होलिका दहन के समय 7 गोमती चक्र लेकर भगवान से प्रार्थना करें कि आपके जीवन में कोई शत्रु बाधा न डालें। प्रार्थना के पश्चात पूर्ण श्रद्धा व विश्वास के साथ गोमती चक्र जलती हुई होलिका में डाल दें।
- शीघ्र विवाह के लिए होली के दिन किसी शिव मंदिर जाएं और अपने साथ 1 साबूत पान, 1 साबूत सुपारी एवं हल्दी की गांठ रख लें। पान के पत्ते पर सुपारी और हल्दी की गांठ रखकर शिवलिंग पर अर्पित करें। इसके बाद पीछे देखे बिना अपने घर लौट आएं। यही प्रयोग अगले दिन भी करें। इसके साथ ही समय-समय पर शुभ मुहूर्त में यह उपाय करते रहें । जल्दी ही विवाह के योग बन जाएंगे।
- होली से शुरू करके बजरंग बाण का 40 दिन तक नियमित पाठ करने से हर मनोकामना पूर्ण हो सकती है।
- अपने हाथो से गोबर के कंडे बनाएं और इन कंडो को बहनें अपने भाई के ऊपर से 7 बार वार लें। इसके बाद ये कंडें होलिका दहन में डालें, इससे भाई की बुरी नज़र से रक्षा होगी।
- होलिका दहन के समय जो अंगार जलती है, उसमें पापड़ सेंककर खाएं। इससे शरीर को कई स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं।
- होलिका दहन के समय होलिका की 7 परिक्रमा करें। इससे अक्षय पुण्य प्राप्त होता है
गरीबी दूर करने के टोटके :
एक काला कपडा लें और उसमें काले तिल, 7 लौंग, 3 सुपारी, 50 ग्राम सरसों और किसी स्थान की मिट्टी लेकर एक पोटली बना लें। इसे खुद पर से 7 बार वार लें और होलिका दहन में डालें।
9 नींबूओं की माला बनाएं और भैरव महाराज को चढ़ाएं।
उडद की दाल के दही बड़े और जलेबी बनाएं और 7 सफाई कर्मियों को बाटें।