” मेरी होली मेरे घर पर” धुरेंडी का त्यौहार घर पर परिवार के साथ मनाये जाने की जिला प्रशासन की अपील …

कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी, सिवनी डॉ . राहुल हरिदास फटिंग द्वारा कोरोना वायरस संक्रमण (कोविड -19 ) की रोकथाम एवं इससे बचाव को दृष्टिगत रखते हुए म.प्र. दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा -144 के अंतर्गत जनसामान्य के स्वास्थ्य हित , शांति एवं कानून व्यवस्था को बनाये रखने हेतु सिवनी जिले की सम्पूर्ण राजस्व सीमा क्षेत्र में प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए हैं ।।

जारी आदेशानुसार संपूर्ण जिले में भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों, बाजारों एवं अन्य कार्यक्रमों में आमजन का मास्क पहनना, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाना अनिवार्य होगा। सार्वजनिक स्थानों और कार्य स्थलों पर फेस मास्क न पहनने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध अर्थदण्ड की कार्यवाही की जाएगी।सभी प्रकार के बड़े आयोजन यथा सभा , रैली , मेला , जुलुस इत्यादि जहां भीड़ आ सकती है एवं सोशल डिस्टेंसिंग के पालन न होने की संभावना है , वहां आयोजकों को यह सलाह दी जाती है कि वे ऐसे आयोजन वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए न करें ।।

बंद हॉल में आयोजित किए जाने वाले समस्त प्रकार के कार्यक्रम हेतु हॉल क्षमता के 50 प्रतिशत तक अनुमति रहेगी, किंतु उक्त संख्या किसी भी स्थिति में 200 से अधिक नहीं होगी । कोविड -19 की रोकथाम हेतु फेस मास्क की बाध्यता एवं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराए जाने की जिम्मेदारी प्रबंधन एवं आयोजकों की रहेगी। समस्त दुकानों एवं व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में रस्सी के माध्यम से अथवा सोशल डिस्टेंसिंग के लिए 1-1 गज की दूरी पर चूने के गोले बनाया जाएगा। दुकान संचालाकों का स्वयं मास्क पहनना तथा दुकानों / प्रतिष्ठानों में आने वालों के लिए मास्क का इस्तेमाल अनिवार्य होगा । दुकानों के सामने भीड़ एकत्र न होने व सोशल डिस्टेसिंग का पालन सुनिश्चित हो यह जिम्मेदारी दुकान संचालकों की रहेगी।

होली पर्व पर होलिका दहन कार्यक्रम रात्रि 10 बजे से पूर्व सीमित संख्या में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए होलिका समितियों द्वारा आवश्यक रूप से किया जाएगा। ” मेरी होली मेरे घर पर ” धुरेंडी का त्यौहार घर पर परिवार के साथ मनाये जाने की अपील की है। होली पर्व में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें । सार्वजनिक स्थानों, चौक चौराह पर भीड़ के रूप में एकत्रित न हो।।

यह आदेश जन साधारण की सुविधा हेतु तत्काल से पालन हेतु प्रभावशील होगा। यह आदेश दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 ( 2 ) के अंतर्गत एक पक्षीय पारित किया जाता है। उक्त आदेश का उल्लंघन भारतीय दण्ड विधान की धारा 188 के अंतर्गत दण्डनीय अपराध की श्रेणी में आएगा।।

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