यात्री बस गहरे नाले में जा गिरी , हादसे में 2 की मौत और 27 यात्री घायल बताये जा रहे है ..

छिंदवाड़ा

बालाघाट से भोपाल जा रही यात्री बस बैतूल-छिंदवाड़ा नेशनल हाइवे पर लावाघोघरी थाना क्षेत्र के ग्राम मैनीखापा के पास अनियंत्रित होकर पलट गई। हादसे में नंदनी (22) फैजल खान निवासी भोपाल एवं रुपाली (32) पति आशीष असाठी निवासी बालाघाट की मौके पर मौत हो गई। जबकि 27 यात्री गम्भीर घायल हुए हैं, अन्य को मामूली चोट आना बताया जा रहा है। घायलों को पुलिस ने डायल 100 और 108 एम्बुलेंस की मदद से जिला अस्पताल छिंदवाड़ा में भर्ती कराया गया है ।।

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार वर्मा ट्रैवल्स की बस गुरुवार की शाम करीब 7.30 बजे जिला बालाघाट के कटंगी से इंदौर के लिए निकाली थी। तेज रफ्तार बस मैनीखापा के पास देर रात बस अनियंत्रित होकर सड़क से करीब 20 फीट नीचे नाले में जा घुसी। जोर की आवाज सुनने के बाद आस-पास के लोग मौके पर पहुंचे ।।

सूचना मिलते ही लावाघोघरी थाना पुलिस भी मौके पर पहुंची और ग्रामीणों की मदद से रेस्क्यू कर बस में फंसे यात्रियों को बाहर निकाला गया। हादसे में दो महिला यात्री की मौत हो चुकी थी। 27 यात्रियों को गम्भीर चोटें आई है, इनमें से दो की हालत नाजूक बताई जा रही। मैनीखापा सरपंच बबलू सूर्यवंशी के मुताबिक पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से घायलों को सुबह पांच बजे तक जिला अस्पताल पहुंचाया है ।।

बताया जा रहा है कि समय रहते पुलिस मौके पर पहुंच गई जिसके चलते घायलों को अस्पताल पहुंचाया जा सका है।पुलिस और आस-पास के लोगों के मुताबिक हादसे की मुख्य वजह तेज रफ्तार है। बस क्षमता से अधिक रफ्तार में दौड़ रही थी, जिसके चलते मोड पर बस चालक से नियंत्रित नहीं हुई और सीधे बीस फीट गहरे नाले में जा गिरी, जिसके कारण दो यात्रियों की मौत हो गई और अन्य लोग गम्भीर घायल हुए हैं। पुलिस ने शुक्रवार सुबह क्रेन की मदद से पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी बस को बाहर निकाला। बस को लावाघोघरी थाना परिसर में खड़ा कराया गया है। बस में कुछ लोग परिवार के साथ सवार थे। हादसे के बाद मामूली घायल यात्रियों ने मोबाइल के उजाले में बस के कांच तोड़े और बाहर निकलने के बाद अपने साथी यात्रियों को भी निकाला ।।

घायल यात्री शुभम पटेल ने बताया कि बस की रफ्तार बहुत अधिक थी, जिसके कारण अनियंत्रित होकर नाले में पलट गई। इस हादसे के पीछे सबसे बड़ी लापरवाही परिवहन विभाग की है। परिवहन विभाग के अफसर लम्बे समय से यात्री बसों की जांच के नाम पर खानापूर्ति कर रहे हैं। सैकड़ों बसे बगैर स्पीड गर्वनर के दौड़ रही है। बसों में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम नहीं है और न ही कोई सख्त कार्रवाई होती है जिसके चलते यात्री बसों की दुर्घटना और हादसे नहीं थम रहे हैं।।

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