पुलिस और आबकारी विभाग की कार्यप्रणाली संदिग्ध

सिवनी

जिले के कान्हीवाडा थाना क्षेत्र अंतर्गत ढाबों में अवैध शराब बिक्री जोरों पर है और जिन जिम्मेदार कांधों पर अवैध शराब बिक्री रोकने की जिम्मेदारी है वह केवल औपचारिकता निभाते हुए आदिवासी इलाकों में बनाई जाने वाली कच्ची शराब पकड़ने पर ही अपनी सारी शक्ति लगा देते हैं। जबकि गांव गांव मोहल्ले मोहल्ले देशी-विदेशी मदिरा पूरी सेटिंग के तहत ढाबों से लेकर किराना दुकानों तक में उपलब्ध है। जिस पर कार्रवाई करने की हिम्मत जिम्मेदार अधिकारियों में नजर नहीं आती या यूं कहें की तगड़ी सेटिंग उन्हें ऐसा करने से रोकती है तो यह गलत नहीं होगा।।

इसकी बानगी कान्हीवाडा थाना क्षेत्र अंतर्गत ढाबों में आसानी से देखी जा सकती है जहां भोमा और पलारी तिगड्डा स्थित कुछ ढाबों में तो खुलेआम बडे ही बेखौफ तरीके से शराब बेची और पिलाई जा रही है। भोमा में देशी शराब दुकान होने के कारण विदेशी मदिरा के लिए अधिकतर नशेड़ी ढाबों का रूख करते हैं जहां एक विशेष ढाबे में धडल्ले से सभी प्रकार की शराब विक्रय की जा रही है ।।

विश्वस्त सूत्रों के अनुसार उक्त ढाबा संचालक की स्थानीय पुलिस और आबकारी विभाग से तगड़ी सेटिंग है जिसके चलते बेखौफ तरीके से यह सारा कारोबार किया जा रहा है। इन शराब माफियाओं द्वारा की जा रहा अवैध कारोबार पुलिस और आबकारी विभाग पर तो प्रश्नचिन्ह खड़ा ही करते हैं । इसके साथ-साथ माफियाओं को जमीन के नीचे गड़ा देने की धमकी देने वाले मुख्यमंत्री और उनकी सरकार की छवि भी धूमिल करते नजर आ रहे हैं। जबकि पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री उमा भारती लगातार शराबबंदी के लिए पत्राचार कर रही है ।।

अब देखना यह है के मामला सामने आने के बाद संवेदनशील पुलिस मुखिया और आबकारी अधिकारी किस तरह मामले में संज्ञान लेते हुए अवैध शराब माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करते हैं ।।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *