18 फरवरी से 21 फरवरी तक कान्हा टाइगर रिज़र्व द्वारा दूसरा बर्ड सर्वे Wildlife & Nature Conservancy इंदौर एवं सिंघीनावा कंजरवेशन फाउंडेशन के सहयोग से आयोजित किया गया। कान्हा में इसके पूर्व 2017 में सर्वे हुआ था। 85 सदस्यों को अलग-अलग टीम में विभाजित किया गया था। इस बार बड़ी संख्या में पक्षियों की अलग-अलग प्रजाति टीमों द्वारा खोजी गई है। जिसमे प्रमुख रूप से Himalayan rubythroat, पहली बार कान्हा में देखी गई। इसके अलावा griffon vulture, himalayan vulture, black naped oriole, fire capped tit, Bar wing flycatcher, जैसी बहुत कम दिखाई देने वाली पक्षियों की प्रजाति देखी गई।
अभी डेटा का आकलन किया जा रहा है जिसके बाद ही कितनी प्रजाति के पक्षी और कुल कितने पक्षी देखे गए इसकी सम्पूर्ण रिपोर्ट आयेगी। संस्था के सदस्य सुरेंद्र बागड़ा ने बताया है कि इस सर्वे में काफी संख्या में आवेदन प्राप्त थे, अनुभव को आधार बनाते हुए देश के 11 राज्यों से 85 पक्षी विशेषज्ञ को चुना गया था। सर्वे का मुख्य उद्देश्य प्रवासी और स्थानीय पक्षियों की गणना करना, इस तरह के सर्वे से पक्षियों के बारे में अधिक जानकारी इकट्ठा करना, उनके प्राकतिक आवास, व्यवहार में कोई बदलाव आदि का अध्ययन करना था। कान्हा पार्क के सुपरिटेंडेंट श्री सुधीर मिश्रा ने बताया कि पूरा सर्वे लाइन ट्रांजिट मेथड से किया गया, इस तरह के सर्वे से विभाग को डेटा इकट्ठा करने में मदद मिलती है तथा निष्कर्ष के अनुसार कार्य आयोजना तैयार करने में मदद मिलेगी।।
सर्वे के अंतिम दिन फील्ड डायरेक्टर श्री एस.के.सिंह द्वारा विभाग द्वारा किये जा रहे कार्य के बारे में प्रेजेंटेशन के माध्यम से सभी को अवगत कराया गया। समापन कार्यक्रम सुनील कुमार सिंह, क्षेत्र संचालक, कान्हा की अध्यक्षता, नरेश यादव उपसंचालक बफ़र ज़ोन, सुनील सिन्हा सहायक संचालक एवम सिंघीनावा कंजरवेशन फाउंडेशन के घनश्याम की उपस्थिति में आयोजित किया गया। सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र वितरित किये गए।।