नैनपुर

प्रकृति से अगर कोई प्यार करता है तो वह है आदिवासी समाज जिसे जंगल ही प्यारा होता है और उस जंगल को बनाने सवारने में ना जाने आदिवासी समाज की कितनी पीढ़ी निकल गई पर उनका प्रकृति से मोह कभी भंग नहीं हुआ। जल जंगल जमीन मानों उनके देवता हों और वे अपने इन आराध्य देव के लिए हरदम समर्पित भाव से अपनी सेवाएं देते हैं।

कहते हैं कि आदिवासी समाज सगा जनों का प्रकृति स्ते ही है कि जो आज पुन सम्पदा को धरोहर के रूप में सर्व समाज को सौपता हैं। नैनपुर नगर में विश्व आदिवासी दिवस को लेकर यह पूरा कार्यक्रम नगर की कृषि उपज मण्डी में सगा जनों के द्वारा किया गया जिससे समस्त आदिवासी समाज अपनी प्राकृतिक वेश भूसा में दिखे वहीं महिलाओं ने अपने उन पुराने जमाने के जेवर पहन रखे थे। तो युवाओं ने में धोती कुर्ता और पीली धोती पहन कर और पीला गमझा डाल कर अपने देशज होने पत्र गर्व महसूस किया था। वही नैनपुर जिला बनाओ समिति के सक्रिय कार्यकर्ता एवं आदिवासी समाज ने मीडिया का कार्य करने वाले भाई कमलेश गोंड ने पूर्व में ही इस आयोजन के दिशा निर्देश को बना कर शासन की व्यवस्था में समाज के सहयोग को उजागर कर दिया था जहाँ हज़ारों की सख्या में आदिवासी भाई बहिन उपस्थित हुए ।आदिवासी समाज की विशाल रैली ने नगर भ्रमण किया। जिसमें नैनपुर जिला बनाओ संघर्ष समिति के संयोजक विमलेश सोनी नितिन शकुर प्रवीण खण्डेलवाल सुनील विश्वकर्मा अविनाश नामदेव अखिलेश ठाकुर आशीष वैष्णव सत्येन्द्र तिवारी सुधीर केहरी शंकर शायरानी राजा विश्वकर्मा सुधीर बंदेवार विनय ठाकुर विनय नामदेव कन्हैया सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने रेस्ट हाउस के पास विशाल भंडारे का कार्यक्रम किया जिसमें समस्त आदिवासी भाईयों बहिनों बुजुर्गों को भोजन कराया। और आदिवासी समाज के वरिष्ठ जनों का स्वागत सम्मान किया भाई गुलाब उइके मासाब भाई लालजू सर्सकोले कमलेश गोंड विजय पंद्रे सीताराम गोड सहित जनपत सदस्यों सरपंचों का स्वागत किया वहीं आदिवासी समाज ने पुरजोर रूप से नैनपुर को जिला बनाने का समर्थन किया और नैनपुर जिला बनाओ संघर्ष समिति के द्वारा किए गए आयोजन का ह्रदय से आभार व्यक्त किया । थाना प्रभारी बलदेव मुजाल्दा पूरे पुलिस बल के साथ पूरे कार्यक्रम में बाल के साथ रैली पर उपस्थित रहे। यही प्रशासनिक व्यवस्था चुस्त दुरुस्त रही।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *