राजस्व अधिकारियों की बैठक में कलेक्टर के निर्देश
मंडला – राजस्व अधिकारियों की बैठक में कलेक्टर डॉ. सलोनी सिडाना ने निर्देशित किया कि 30 जून की स्थिति में राजस्व न्यायालयों में दर्ज सभी प्रकरणों का निराकरण करें। राजस्व प्रकरणों पर लगातार सुनवाई करें तथा गुणदोष के आधार पर उनके यथोचित निराकरण की कार्यवाही सुनिश्चित करें। इसी प्रकार नवीन प्रकरणों को अनिवार्य रूप से आरसीएमएस पोर्टल पर दर्ज करें तथा उन्हें समय सीमा पर निराकृत करें। कलेक्ट्रेट के गोलमेज सभाकक्ष में संपन्न हुई इस बैठक में अपर कलेक्टर राजेन्द्र कुमार सिंह, संयुक्त कलेक्टर अरविंद सिंह, समस्त एसडीएम एवं तहसीलदार उपस्थित रहे।

कलेक्टर ने निर्देशित किया कि राजस्व न्यायालयों पर प्रचलित सभी प्रकरण अनिवार्य रूप से आरसीएमएस पोर्टल पर दर्ज होना चाहिए। उन्होंने पीएम किसान सम्मान निधि की समीक्षा करते हुए सभी पात्र किसानों का ईकेवाईसी की कार्यवाही जल्द पूरी करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि शतप्रतिशत समग्र ईकेवाईसी करने के लिए सचिव एवं जीआरएस का सहयोग प्राप्त करें। इस संबंध में एसडीएम एमपी ऑनलाईन एवं लोकसेवा केन्द्र संचालकों की बैठक आयोजित करें।
तहसीलदार कोर्ट तथा पटवारी हल्कों का निरीक्षण करें
कलेक्टर ने निर्देशित किया कि सभी एसडीएम अपने अधीनस्थ आने वाले समस्त तहसीलदार न्यायालयों का निरीक्षण करते हुए रेंडम आधार पर नस्तियों का अवलोकन करें। लम्बित प्रकरणों के निराकरण के लिए की जा रही कार्यवाहियों एवं प्रक्रिया की जांच करें। इसी प्रकार सभी तहसीलदार पटवारियों के बस्ता तथा हल्के का भी जांच करना सुनिश्चित करें। उन्होंने तहसील न्यायालय तथा पटवारियों के बस्ता एवं हल्कों की जांच 31 अगस्त 2024 तक पूर्ण करने के निर्देश दिए।
जारी आदेशों का अमल कराएं
बैठक में कलेक्टर डॉ. सलोनी सिडाना ने राजस्व महाभियान की भी विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने कहा कि नामांतरण, बंटवारा एवं सीमांकन के प्रकरणों को समय पर निराकृत करें। न्यायालय से जारी आदेशों का अमल कराएं। अमल की कॉपी लगाए जाने के बाद ही प्रकरण को निराकृत माना जाएगा। उन्होंने कहा कि नक्शा सहित अन्य अभिलेख सुधार से संबंधित प्रकरणों को सर्वोच्च प्राथमिकता से निराकृत करते हुए समस्त राजस्व अभिलेखों को त्रुटिरहित बनाएं। उन्होंने अतिक्रमण हटाने सहित अन्य प्रकरणों पर कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
आपदा प्रबंधन एवं राहत को सर्वोच्च प्राथमिकता दें
कलेक्टर ने निर्देशित किया कि सभी अधिकारी आपदा प्रबंधन तथा राहत के कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता से संपादित करें। बाढ़ तथा उल्टी, दस्त से प्रभावित रहे क्षेत्रों का भ्रमण करें। अतिवृष्टि तथा बाढ़ से हुए नुकसान से संबंधित राहत प्रकरणों को तत्काल निराकृत करें। इसी प्रकार जर्जर भवनों में स्कूल, आंगनवाड़ी, कार्यालय आदि संचालित न होने दें। जर्जर भवनों को गिराने के संबंध में नियमानुसार कार्यवाही करें तथा जर्जर एवं क्षतिग्रस्त भवनों के आसपास सूचना अंकित करते हुए लोगों को उनके पास जाने से रोकें।।