सिवनी

मध्यप्रदेश में अवैध कॉलोनाइजरों के खिलाफ सख्त एक्शन लेने के निर्देश दिए गए है । अवैध कॉलोनियों पर अंकुश लगाने के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता जरूरी है। कॉलोनाइजरों ओर विभागीय अधिकारियों के गठजोड़ पर प्रहार करने की अतिआवश्कता है ।

फाइल फोटो

कॉलोनाइजर किसानो व आम जनता से जमीन लेता है। कॉलोनाइजर अपने नाम से जमीन की खरीद फरोख्त नही करते है जमीन किसान के नाम पर ही रहती है उस जमीन पर कॉलोनाइजर कॉलोनियां काट कर क्रेता को बेच देते है इस वजह से कुछ कॉलोनाइजर कॉलोनाइजर्स नियम के दायरे में आने से बच जाते है।

सिवनी जिले में हजारों की संख्या में अवैध कॉलोनियां है पर प्रशासन के कुछ लालची कर्मचारियों ने मगरमच्छ कॉलोनाइजारो को छोड़कर कुछ अवैध कॉलोनी की लिस्ट बनाई है। उसमे भी जिला प्रशासन नरम रवैया अपनाते हुए सिर्फ नोटिस तक ही कार्यवाही किया है। जबकि प्रदेश सरकार सख्त कदम उठाने की बात कर रही है। इस नरम रवैये के कारण अवैध कॉलिनजइरो के हौसले बढ़ रहे है ।

जिले में सिर्फ केवलारी तहसील में ही अवैध कॉलोनाइजरो के ऊपर एफ आई आर दर्ज हुई है बाकी पूरे जिले में प्रशासन ने लचीला रवैया अपनाया हुआ है। ऐसे में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं, कि प्रशासन के अधिकारियो पर भी उंगली उठने लगी है । राजस्व विभाग के जिम्मेदार भी संदेह के घेरे में आ सकते हैं लचीली कार्रवाई की वजह से अवैध कॉलोनी पर रोक नहीं लग पा रही है। अवैध कॉलोनाइजर भोले-भाले लोगों को फंसा रहे है। आम लोगों की जीवन भर की जमा पूंजी डूब रही है परेशानी जमीन बेचने और खरीदने वालों की बढ़ रही है दरअसल अवैध कॉलोनी में अधिकांश कॉलोनाइजरों की भूमिका बिचौलियों की होती है ।

प्रदेश सरकार की मंशा को पूरा करने के लिए जिले के प्रशासनिक अधिकारियों को सख्ती बरतना चाहिए इन अवैध कॉलोनाइजरों के ऊपर एफ आई आर की समय सीमा निर्धारित किए बिना कार्रवाई को अंजाम तक पहुंचाना संभव नहीं है शासन स्तर पर निगरानी भी की जाना चाहिए ताकि प्रदेश सरकार के आदेश का क्रियान्वयन भी सुनिश्चित किया जा सके ।।

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