वाइरल फीवर की चपेट में संपुर्ण जिला

सिवनी /  वाइरल फीवर ने मचाया  जिले में कोहराम ,हर दूसरा वयक्ति वायरल फीवर की चपेट मेंधारनाकलां  बरघाट-ग्रामीण इलाकों में आमजनों के स्वास्थ्य के लिए सरकार कितनी प्रतिबद्ध हैं इसका अनुमान सिवनी जिले के ग्रामीण अंचलों में निवसृत जनता से लगाया जा सकता है जहां पर वर्तमान स्थिति में हर एक दूसरा व्यक्ति वायरल फीवर की चपेट में है एक ओर जहां कोरोना महामारी ने आमजनों की कमर तोड़ रखी है वहीं अब वायरल फीवर से बरघाट तहसील की जनता त्राहिमाम त्राहिमाम कर रही हैं  वन परिसर के अंतर्गत निवासियों को तो महज गोली भी नसीब नहीं हो रही है और ना ही सरकार की कोई स्वास्थ्य कारी लाभकारी योजना ग्रामीण इलाकों में पहुंच रही है वहीं मध्य प्रदेश सरकार सिर्फ कागजों में ही आम जनों की बात कर रही है जबकि जमीनी हकीकत स्वास्थ्य के प्रति बद से बदतर सिवनी जिले में नजर आ रही है जहां पर आज हर एक परिवार से लगभग 4 से 5 लोग भयानक वायरल फीवर की चपेट में गिरफ्त में है जिन्हें स्वास्थ्य लाभ है या कहीं से भी नहीं हो रहा है ।।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नहीं है प्रबंध

विधानसभा बरघाट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में लाभ और गोली दवा इंजेक्शन का अभाव के कारण वायरल फीवर के मरीज प्राइवेट क्लीनिक को में लंबी-लंबी कतारों में खड़े होकर अपने स्वास्थ्य लाभ की कामना से लगभग 25 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर प्राइवेट क्लीनिक का सहारा ले रहे हैं उन्हें बमुश्किल से लाभ नहीं मिल पा रहा है जिससे संपूर्ण परिवार इस वायरल फीवर की चपेट में आ चुका है जिससे ग्रामीण अंचल के आमजन त्राहिमाम त्राहिमाम कर रहे हैं जिनके सुध लेने के लिए स्वास्थ्य विभाग और अन्य कोई विभाग भी जिले में गंभीर नजर नहीं आ रहा है जिससे इन गरीब को स्वास्थ्य लाभ मुहैया कराया जा सके या तत्काल मेडिसिन और इलाज मुहैया कराया जा सके । कोरोना के भय से घर मे ही कैद हो रहे ग्रामीणजहां पर उल्लेखनीय होगा कि विधानसभा बरघाट में वर्तमान समय में कोरोनावायरस अपने पंख और भैया वह स्थिति निर्मित कर दी है जिसने भी आम जनों को कोरोनावायरस की चपेट में आ जाने की वजह से वायरल फीवर का बुखार लेकर अपने घरों में ही कैद होकर रहना पड़ रहा है क्योंकि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बरघाट में पहले कोरोना का टेस्ट कराने के लिए दरबदर भगाया जा रहा है एवं वायरल फीवर के मरीजों को भी उचित इलाज इन सरकारी प्रतिष्ठानों में नहीं मिल रहा है क्योंकि शासन की दवाइयां मेडिसन ओं का अभाव लंबे अरसे से विधानसभा बरघाट में चला आ रहा है जिसके प्रति सरकार के अवसर ध्यान दे रहे हैं और ना ही खुद सरकार इस ओर ध्यान केंद्रित कर रही है कि किसी भी तरह से आम जनों को तत्काल स्वस्थ लाभ दिया जा सके जिससे ग्रामीण अंचल के लोग कोरोनावायरस की टेस्टिंग और कोरोनावायरस हो जाने का भय दिल में बनाकर भारी गंभीर बुखार लेकर घरों में कैद हो चुके हैं इनसे और ग्राम वासियों भी चपेट में आ रहे हैं ।।

वायरल फीवर के मरीजो का कोरोना टेस्ट आखिर क्यो

जैसे ही मौसम ने करवट बदली है और तापमान भी क्षेत्र में बड़ा है जिससे लोग वायरल फीवर की चपेट में आ रहे हैं परंतु सरकारी अस्पताल के नियोजित से आज डगमगा चुकी है नॉर्मल बुखार और वायरल फीवर के चपेट के मरीज को सबसे पहले कोरोनावायरस का टेस्ट करवाना यह मानवता के खिलाफ लगता है क्योंकि ग्रामीण है और डर के कारण सरकार की योजनाओं तक और ना ही सरकार के अफसर उनका हाल जानने के लिए पहुंच रहे हैं जिससे ग्रामीण जन भारी बीमारियों को समेटे हुए वायरल फीवर को समेटे हुए घरों में कैद हो गए हैं क्योंकि सबसे पहले अस्पताल परिसर  तुम्हें कोरोनावायरस  टेस्ट करवाना पड़ेगा का दबाव बनाया जा रहा है जिससे पहले कोरोनावायरस का टेस्ट के दबाव के चलते ग्रामीण लोग ग्रामीण अंचल की मेडिकल से गोलियां ले रहे हैं फिर भी वायरल फीवर आ रहा है जिससे संपूर्ण तहसील बरघाट जिला सिवनी इस वायरल फीवर से कराह रहा है फिर भी सरकार की कोई भी योजना स्वास्थ्य संबंधी योजनाएं ग्रामीण इलाकों में नहीं पहुंच पा रही है सारे दावे खोखले नजर आ रहे हैं वर्तमान स्थिति में वायरल फीवर की चपेट में संपूर्ण जिला आ चुका है जिन का इलाज भी संभव नहीं आ रहा है क्या वर्तमान सरकार के मरीजों को कोई इलाज तत्काल स्वास्थ्य संबंधी योजनाएं लागू कर इन्हें दुख भरे दर्द से निवारण कर पाएगी या नहीं यह समझ के परे है ।।

स्वास्थ्य कैंप लगाकर हो सकता है निदान

सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों के द्वारा प्रत्येक ग्राम पंचायत में कैंप शिविर कम मात्रा में कम मरीजों की संख्या लेकर गर्ग लगाए जाए तो निश्चित रूप से इस भयावह वायरल फीवर की चपेट से आम जनों को बचाया जा सकता है परंतु डॉक्टरों ने पहले ही मन में कोरोनावायरस से अपने आप को सुरक्षित करने के लिए क्षेत्रीय जनता के दुख दर्द को भूल चुके हैं जिससे मानवता भी शर्मसार हो चुकी है हर एक मरीज को सिर्फ करोना का व्यक्ति जानकर दुर्व्यवहार करना यह सरासर सरकार के अफसरों की नाफरमानी का दंश क्षेत्रीयजन झेल रहे हैं।।

 इनका कहना है

सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों को प्रत्येक ग्राम पंचायतों में कैंप शिविर लगाकर वायरल फीवर की चपेट में आए हुए लोगों को तत्काल इलाज मुहैया कराया जा सकता है जिससे क्षेत्रीय जनों को स्वास्थ्य संबंधी लाभ मिल सके और ऐसा सरकार को करना चाहिए जिससे वायरल फीवर की चपेट से निपटा जा सकता है।।

लेखराम हरिनखेडे जनपद सदस्य छपारावर्तमान में वायरल फीवर की चपेट में हर एक ग्राम पंचायत से लगभग 70% लोग ग्रसित है जिन पर सरकार के अफसर और सरकार भी ध्यान नहीं दे रही है जिन्हें गंभीर वायरल फीवर ने जकड़ रखा है और जो इलाज के लिए दर बदर की ठोकरें खा रहे हैं प्रत्येक ग्राम पंचायतों में शिविर के माध्यम से इनका इलाज कर तत्काल राहत ग्रामीण अंचलों में लाई जा सकती है।।

गजानंद हरिनखेडे किसान कांग्रेस कमेटी बरघाट

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