नैनपुर
जैसा की देखा जा रहा है नैनपुर में बनी रेलवे कालोनी,रेलवे डिपो जहां रेलवे को सड़क बनाम कीचड़ खाना ज्यादा है। रोड में पानी भर रहा है बारिश होने पर लगभग घुटने के ऊपर पानी भरा रहता है कच्ची रोड के कारण गड्डे हो गए हैं जिस कारण लोगों को आने जाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
छोटे छोटे बच्चे बच्चियां स्कूल जाती हैं,अधिकतर रेलवे स्टाफ वहां रहता है जो रात विकाल ड्यूटी जाता हे जिसे जहरीले कीड़े मकोड़े,सांप का डर बना रहता हे।वहीं मंदिर ही जहां माता बहने पूजा करने जाति हैं।सफाई के नाम पे नालियां पानी से भरी हुई हैं।वर्षा होने पर नाली का पानी रोड पर भर जाता हे घुटने के ऊपर तक गाजर घास का अंबार लगा हुआ है।अधिकारी कभी मौके का निरीक्षण करने नही आते एक कमरे में बैठकर खाना पूर्ति करते रहते हैं।
नागरिकों ने बया किया अपना दर्द
नागरिकों ने बताया कि अधिकारियो को बार बार फोन में संपर्क करने पर भी उनको फुरसत नहीं की एक बार परेशानियों को देख लें। ओर वही कार्यक्रम के नाम पर ठेकेदार के द्वारा लीपापोती कर दी जाती है।रेलवे स्वास्थ अधिकारी(वेलफेयर इंस्पेक्टर)कभी मौके पर नही दिखते। ए ई एन रेलवे को फुर्सत नही सुध लेने की। आखिर रेलवे प्रशासन स्वच्छता के नाम पर लाखों रुपये खर्च कर रही है,जिससे बीमारी ना हो एक जगह पानी स्टोर ना हो पर इन अधिकारियों ने महज मजाक बनाकर रख दिया है।इन्हे कोई मतलब नहीं इन सब काम कागजों में सब हो रहा है नागपुर हेड ऑफिस में बकायदा खाना पूर्ति कर जानकारी भेजी जाती हे पर मैदानी कार्यवाही शून्य है।रेलवे के भवनों में जहां कर्मचारी रहते हैं।उनके यहां बने शोंचलयों की सालों से सफाई नही की गई है गटर भरे पड़े हैं गंदिगी बाहर निकल रही हैं। आखिर इतने सालो से बने घरों के शोंचलय का मलवा क्यों नही साफ किया जाता।और कुछ जगह का किया गया जिसे वही घरों के पीछे इकट्ठा कर पाउडर डालकर डिस्पोज किया गया ऐसा क्यों इसका क्या नियम है। आम नागरिक उच्च अधिकारियों से जानना चाहती है को आखिर नैनपुर में बैठे ये अधिकारी क्या करते हैं इनको तंखा किस चीज की दी जाती है वही नागरिकों कि मांग हे कि मौके का निरीक्षण कर निक्कम्मे अधिकारियों पर कार्यवाही की जाए ।।