जिले का एकमात्र झाबुआ पावर लिमिटेड ग्रामीणों के लिए अभिशाप बना

शिकायत और कलेक्टर के आदेश को भी नजर अंदाज करता है प्लांट प्रबंधन।

सिवनी

मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के लखनादौन विधानसभा क्षेत्र के बरेला गांव में जिले का एकमात्र झाबुआ पावर लिमिटेड स्थापित किया गया है स्थापना के समय प्लांट प्रबंधन ने आसपास के गांव को स्वर्ग बनाने का वादा तो कर दिया पर अब यह गांव और यहां के किसानों के लिए प्लांट अभिशाप साबित हो रहा है।

झाबुआ पावर लिमिटेड के पास बरेला गांव और बेनेकी गांव महज एक-एक किलोमीटर की दूरी पर स्थापित है, इन दोनों ही गांव से गुजरने वाले नाले और नदी यहां के ग्रामीणों और किसानों के लिए जहरीली हो गई है। झाबुआ पावर लिमिटेड से निकलने वाली राख नाले के पानी में मिलकर घुल गई है जिससे जल स्रोत बंद हो गए हैं हर तरफ राख राख हो गई है, जिससे पानी जहरीला हो गया है प्राकृतिक जल स्रोत और नदी नालों का पानी जहरीला होने के कारण पीने योग्य और खेती के लायक नहीं बचा है जिस कारण किसान खेती नहीं कर पा रहे है और ग्रामीण जल का उपयोग नहीं कर पा रहे। 

ग्रामीणों की शिकायत के बाद जिला कलेक्टर संस्कृति जैन बरेला गांव पहुंची थी जहां उन्होंने ग्रामीणों की समस्या और नाले पर राख देखकर प्लांट प्रबंधन को फटकार लगाते हुए सफाई करने और गहरीकरण करने का आदेश दिया था आदेश के बाद भी प्लांट प्रबंधन को ना तो जिला प्रशासन की सुनी और ना ही ग्रामीणों की, हालत आज भी जस की तस बने हुए हैं।

एक तरफ भारत सरकार और प्रदेश सरकार जल संरक्षण को लेकर अनेकों योजनाएं संचालित कर रही हैं साथ ही एक अलग विभाग बनाकर नदी नाले और तालाब की मॉनिटरिंग की जा रही है बावजूद इसके झाबुआ पावर लिमिटेड से लगे तालाब, नदी और नाले दूषित होते जा रहे हैं ।

अब देखना होगा कि आईटीवी मीडिया में खबर प्रकाशित होने के बाद प्लांट प्रबंधन शिकायतों को किस तरह संज्ञान लेता है और जिला प्रशासन क्या कार्रवाई करता है ।।

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