ताजा समाचार

सुबोध दुबे बने सिवनी तहसील पटवारी संघ के नए अध्यक्ष, निर्विरोध चुने गए
सुबोध दुबे बने सिवनी तहसील पटवारी संघ के नए अध्यक्ष, निर्विरोध चुने गए
तन के साथ मन को ठीक करना ही संपूर्ण स्वास्थ्य है : डीन डा परवेज सिद्दिकी
तन के साथ मन को ठीक करना ही संपूर्ण स्वास्थ्य है : डीन डा परवेज सिद्दिकी
स्मार्ट मीटर के नाम पर लूट, ग्रामीण जनता बिजली बिलों से त्रस्त, आंदोलन की चेतावनी
स्मार्ट मीटर के नाम पर लूट, ग्रामीण जनता बिजली बिलों से त्रस्त, आंदोलन की चेतावनी
तबादला आदेश हवा-हवाई, रतन शाह उईके पर न कलेक्टर का चला, न शासन का आदेश
तबादला आदेश हवा-हवाई, रतन शाह उईके पर न कलेक्टर का चला, न शासन का आदेश

सिवनी

सिवनी : कान्हीवाड़ा वन परिक्षेत्र कार्यालय को हटाने का फरमान
सिवनी : कान्हीवाड़ा वन परिक्षेत्र कार्यालय को हटाने का फरमान

कान्हीवाड़ा वन परिक्षेत्र कार्यालय को हटाने का फरमान
क्या वनों के संरक्षण पर संकट के बादल?

कान्हीवाड़ा से आगा खान की रिपोर्ट

सिवनी — दक्षिण सामान्य वन मंडल के अंतर्गत आने वाले करीब 50 वर्षों से संचालित कान्हीवाड़ा परिक्षेत्र कार्यालय को बंद किए जाने की अटकलें इन दिनों जंगल क्षेत्र में चिंता का विषय बन गई हैं। विभागीय सूत्रों से मिली अभी तक अपुष्ट लेकिन गंभीर जानकारी के अनुसार, वन संरक्षक सिवनी द्वारा इस पुराने कार्यालय को हटाने की तैयारी अंतिम चरण में है और शीघ्र ही इसका आदेश जारी किया जा सकता है।

यह परिक्षेत्र कार्यालय कान्हीवाड़ा और उसके आसपास के लगभग 25 किलोमीटर के वन क्षेत्र की निगरानी, सुरक्षा, और रखरखाव का केंद्र बिंदु रहा है। यदि यह कार्यालय बंद होता है, तो क्षेत्रीय वन संरक्षण व्यवस्था पर गहरा असर पड़ सकता है।

क्या यह निर्णय वन माफियाओं को देगा खुली छूट?

वन विभाग पहले से ही वनों की अवैध कटाई और तस्करी के मामलों में सवालों के घेरे में रहा है। ऐसे में इस क्षेत्रीय कार्यालय को हटाना वन माफियाओं के लिए एक वरदान साबित हो सकता है, जिन पर लंबे समय से लकड़ी की तस्करी और अवैध कब्जों के आरोप लगते रहे हैं। यह कदम कहीं न कहीं जंगलों के मौजूदा संरक्षण तंत्र को और भी कमजोर कर सकता है।

जनता और जनप्रतिनिधियों में चिंता

स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों में इस संभावित फैसले को लेकर नाराजगी और चिंता है। क्षेत्र के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों से यह अपेक्षा की जा रही है कि वे सामने आकर इस मुद्दे पर अपना पक्ष रखें और सरकार व वन विभाग से जवाब मांगें। इतने बड़े भौगोलिक क्षेत्र में रहने वाली आम जनता को वन संबंधी कार्यों के लिए दूर-दराज भटकना पड़ेगा, जो न केवल असुविधाजनक होगा, बल्कि प्रशासनिक बोझ भी बढ़ाएगा।

अब आगे क्या?

वन विभाग की ओर से इस विषय पर आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है, लेकिन यदि ऐसा निर्णय लिया जाता है, तो यह केवल एक प्रशासनिक फेरबदल नहीं, बल्कि जंगलों और पर्यावरण संरक्षण के खिलाफ एक बड़ा कदम माना जाएगा। क्षेत्र के जागरूक नागरिकों और संगठनों ने इसके खिलाफ आवाज उठाने के संकेत दिए हैं।


सार्थक पहल की आवश्यकता:

यह समय है जब स्थानीय जनप्रतिनिधि, पर्यावरणविद्, और सामाजिक कार्यकर्ता मिलकर इस संभावित फैसले के प्रभावों पर विचार करें और जरूरत पड़ने पर उच्च स्तर पर इसका विरोध दर्ज कराएं — ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए जंगल सुरक्षित रह सकें।

सुबोध दुबे बने सिवनी तहसील पटवारी संघ के नए अध्यक्ष, निर्विरोध चुने गए
सुबोध दुबे बने सिवनी तहसील पटवारी संघ के नए अध्यक्ष, निर्विरोध चुने गए
तन के साथ मन को ठीक करना ही संपूर्ण स्वास्थ्य है : डीन डा परवेज सिद्दिकी
तन के साथ मन को ठीक करना ही संपूर्ण स्वास्थ्य है : डीन डा परवेज सिद्दिकी
स्मार्ट मीटर के नाम पर लूट, ग्रामीण जनता बिजली बिलों से त्रस्त, आंदोलन की चेतावनी
स्मार्ट मीटर के नाम पर लूट, ग्रामीण जनता बिजली बिलों से त्रस्त, आंदोलन की चेतावनी

मध्य प्रदेश

छपारा में शिक्षा का मजाक, बिना मान्यता के चल रहा स्कूल, 300 बच्चों का भविष्य खतरे में
छपारा में शिक्षा का मजाक, बिना मान्यता के चल रहा स्कूल, 300 बच्चों का भविष्य खतरे में

छपारा के मुख्यालय में शिक्षा का मजाक
बिना मान्यता के चल रहा ‘मां शारदा शिशु संस्कार विद्यालय’, सैकड़ों बच्चों का भविष्य संकट में

सिवनी / छपारा

जिले के छपारा में नगर के महावीर वार्ड अंतर्गत शीशगर वार्ड में स्थित ‘मां शारदा शिशु संस्कार विद्यालय’ बीते तीन महीनों से बिना किसी वैधानिक मान्यता के संचालित हो रहा है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम की खुलेआम अवहेलना करते हुए यह विद्यालय 300 से अधिक बच्चों को शिक्षा देने का दावा कर रहा है, जबकि जिला शिक्षा केंद्र और बीआरसी कार्यालय की रिपोर्ट में विद्यालय को आवश्यक शैक्षणिक मानकों पर खरा नहीं पाया गया है।

तीन माह से विभाग बना मूकदर्शक

विद्यालय द्वारा सत्र 2025-26 के लिए नवीन मान्यता हेतु आवेदन प्रस्तुत किया गया था, परंतु निरीक्षण उपरांत बीआरसी कार्यालय छपारा ने विद्यालय को 14 बिंदुओं पर मान्यता नहीं देने की अनुशंसा जिला शिक्षा केंद्र को भेजी थी। इसके बाद परियोजना समन्वयक, जिला शिक्षा केंद्र द्वारा भी विद्यालय को मान्यता देने से स्पष्ट इनकार कर दिया गया। इसके बावजूद विद्यालय का संचालन धड़ल्ले से जारी है और जिम्मेदार अधिकारी तमाशबीन बने हुए हैं।

शिक्षा अधिनियम का खुला उल्लंघन

शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 18 और उसके अधीन बने नियम 2011 की धारा 11(4) में यह स्पष्ट उल्लेखित है कि यदि किसी विद्यालय में आवश्यक शैक्षणिक व भौतिक संसाधन उपलब्ध नहीं हैं तो उसे मान्यता नहीं दी जा सकती। बावजूद इसके, ‘मां शारदा शिशु संस्कार विद्यालय’ प्रबंधन द्वारा बिना मान्यता के शिक्षा सत्र का संचालन किया जा रहा है, जिससे बच्चों के भविष्य पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है।

विभागीय आदेशों की भी अनदेखी

जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा 17 जून 2025 को जारी आदेश (क्रमांक 388/मान्यता/2025) में यह निर्देशित किया गया था कि जिन विद्यालयों को मान्यता प्राप्त नहीं हुई है, वे अपने अध्ययनरत छात्रों की टीसी (स्थानांतरण प्रमाण पत्र) और दाखिल खारिज रजिस्टर नजदीकी संकुल केंद्र में जमा करें। लेकिन संबंधित विद्यालय ने इस आदेश की भी अवहेलना की और न सिर्फ टीसी जमा नहीं कराई, बल्कि अवैधानिक रूप से कक्षाएं भी चालू रखीं। इस लापरवाही का सीधा असर बच्चों की भविष्य की पढ़ाई और प्रवेश प्रक्रिया पर पड़ सकता है।

क्या प्रशासन की मिलीभगत से हो रहा संचालन?

सबसे चिंताजनक बात यह है कि यह पूरा मामला छपारा जनपद मुख्यालय का है, जहां शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों की सीधी निगरानी होती है। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि क्या बिना मान्यता के चल रहे इस विद्यालय को किसी प्रकार का विभागीय संरक्षण प्राप्त है? या फिर प्रशासनिक तंत्र की लापरवाही बच्चों के भविष्य के साथ जानबूझकर खिलवाड़ कर रही है?

स्थिति

     -*-  बिना मान्यता के तीन महीने से संचालित विद्यालय

     -*- बीआरसी द्वारा 14 बिंदुओं पर दी गई आपत्ति

     -*- जिला शिक्षा केंद्र द्वारा मान्यता अस्वीकृत

     -*- विभागीय नोटिस के बाद भी जारी कक्षाएं

    -*- 300 से अधिक छात्रों का भविष्य अंधकार की ओर

स्थानीय अभिभावकों में रोष

बच्चों के अभिभावकों और स्थानीय समाजसेवियों में इस मामले को लेकर भारी नाराजगी है। वे मांग कर रहे हैं कि संबंधित विद्यालय को तत्काल बंद किया जाए और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई हो। साथ ही बच्चों को निकटवर्ती मान्यता प्राप्त विद्यालयों में प्रवेश दिलाया जाए ताकि उनका शैक्षणिक सत्र बर्बाद न हो।

सिवनी:वन निगम की जमीन का हुआ गलत नामांतरण, प्रशासन पर उठे सवाल
सिवनी:वन निगम की जमीन का हुआ गलत नामांतरण, प्रशासन पर उठे सवाल
सिवनी : आईपीएल सट्टा में 2.44 करोड़ रुपए की सट्टेबाजी का भंडाफोड़, मास्टरमाइंड अंकुश कुशवाह सहित दुर्गेश पुलिस गिरफ्त में
सिवनी : आईपीएल सट्टा में 2.44 करोड़ रुपए की सट्टेबाजी का भंडाफोड़, मास्टरमाइंड अंकुश कुशवाह सहित दुर्गेश पुलिस गिरफ्त में
IBC24 मीडिया प्लेक्स का भव्य शुभारंभ, न्यूज के नए युग का आगाज़
IBC24 मीडिया प्लेक्स का भव्य शुभारंभ, न्यूज के नए युग का आगाज़