आर अश्विन का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास: एक युग का अंत

भारतीय क्रिकेट टीम के दिग्गज ऑफ़ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया। ब्रिस्बेन में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट मैच ड्रा होने के बाद अश्विन ने अपनी विदाई की घोषणा की।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया ऐलान

मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में अश्विन, कप्तान रोहित शर्मा के साथ पहुंचे और भावुक अंदाज़ में कहा:
“आज भारतीय क्रिकेट टीम के साथ मेरा आखिरी दिन है। मैं इंटरनेशनल क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से रिटायर हो रहा हूं। यह एक कठिन फैसला है, लेकिन अब मैं क्लब स्तर के क्रिकेट का हिस्सा बनूंगा।”

करियर की झलक

38 वर्षीय रविचंद्रन अश्विन का करियर भारतीय क्रिकेट के इतिहास में खास मुकाम रखता है।

टेस्ट करियर: 106 मैच, 537 विकेट, 8 बार 10 विकेट मैच में।

बल्ले से योगदान: 6 शतक और 14 अर्धशतक।

अश्विन ने अपने बेहतरीन ऑलराउंड प्रदर्शन से भारत को कई यादगार जीत दिलाई। उनकी गेंदबाजी में विविधता और बल्लेबाजी में उपयोगिता ने उन्हें टीम का अहम हिस्सा बनाया।

भावुक विदाई

अश्विन ने अपने बयान में अपने साथियों, बीसीसीआई और प्रशंसकों का शुक्रिया अदा करते हुए कहा:
“मैंने अपने करियर का हर पल जी भरकर जिया। ड्रेसिंग रूम में बिताए लम्हे और साथियों के साथ की यादें हमेशा मेरे दिल में रहेंगी। विराट, रोहित, पुजारा और अजिंक्य जैसे खिलाड़ियों का मेरे करियर में खास योगदान रहा।”
उनकी आवाज़ में भावुकता साफ झलक रही थी, और उन्होंने कहा कि वह इस मौके पर सवाल नहीं ले पाएंगे।

अश्विन: भारतीय क्रिकेट का सितारा

रविचंद्रन अश्विन का नाम भारतीय क्रिकेट में हमेशा गर्व से लिया जाएगा।

उन्होंने 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ अपना टेस्ट डेब्यू किया और शुरुआत से ही अपनी जगह पक्की कर ली।

उनकी गेंदबाजी में विविधता, तेज़ दिमाग और परिस्थितियों को पढ़ने की क्षमता ने उन्हें दुनिया के सबसे खतरनाक स्पिनरों में शुमार किया।

बल्लेबाजी में भी उन्होंने टीम को मुश्किल परिस्थितियों से उबारा। उनका चेन्नई में इंग्लैंड के खिलाफ शतक हर क्रिकेट प्रेमी को याद होगा।

अश्विन की विरासत

अश्विन के संन्यास से भारतीय क्रिकेट में एक बड़ा खालीपन आएगा। उन्होंने अपनी गेंदबाजी से भारत को कई ऐतिहासिक पल दिए। उनका जाना न केवल भारतीय टीम बल्कि क्रिकेट प्रशंसकों के लिए भी एक भावुक पल है।

आगे क्या?

अश्विन ने संकेत दिए हैं कि वह क्लब स्तर पर क्रिकेट खेलना जारी रखेंगे। इसके अलावा, वह युवाओं के लिए मार्गदर्शक की भूमिका निभा सकते हैं।

अश्विन का संन्यास भारतीय क्रिकेट के एक सुनहरे अध्याय का अंत है। उनकी उपलब्धियां और योगदान हमेशा याद किए जाएंगे।

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