आदिवासी के नाम पर खुली लूट का कारनामा दिया मृतक व्यक्ति के नाम लाखों का कर्ज, सहकारी समिति केदारपुर की शाखा प्रबंधक खाद्य प्रभारी और स्थानीय निवासी पर लगे गंभीर आरोप

सिवनी
मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में आदिवासी बहुमूल्य क्षेत्र घंसौर का यह मामला है लखनादौन विधानसभा के घंसौर जनपद के अंतर्गत ग्राम तेंदुआ निवासी स्व. जुगराज सिंह उइके को लाखों का कर्जा दे दिया गया।
आपको बता दें कि घंसौर विकासखंड में आदिम जाति सेवा मर्यादित सहकारी समिति केदारपुर के द्वारा मृत व्यक्ति के नाम फर्जी तरीके से लाखों का कर्ज़ देने का मामला सामने आया है हम आपको यह भी बताते हैं कि मृतक ग्राम तेंदुआ ने का रहने वाला था जिसका नाम जुगराज सिंह उइके बताया जा रहा है जिसकी मृत्यु 15 जून 2012 को हो चुकी है ओर उसके नाम पर सहकारी समिति ने वर्ष 2014-15 में फर्जी ऋण पुस्तिका के माध्यम से खाद और बीज के नाम पर लाखों का फर्जी कर्जा चढ़ा दिया गया और और फर्जी तरीके से खाद और बीज वितरित भी किया गया ।
आदिम जाति सेवा मर्यादित सहकारी समिति केदारपुर के द्वारा परिजनों को एक नोटिस दिया गया जिसमें 90 हजार रुपए का कर्ज़ बकाया बताया गया मृतक के परिजनों को यह जानकारी मिली कि मृतक जुगराज सिंह उइके के नाम पर ब्याज सहित 90 हजार का कर्ज बकाया है परिजनो को यह जानकारी मिलते ही उनके पैरों तले जमीन खिसक गई क्योंकि बताया जाता है की कर्ज 2014-15 का है जबकि जिसके नाम पर यह कर्ज दिया गया उसकी मृत्यु 2012 में ही हो चुकी थी अब सवाल उठता है कि मृतक जुगराज कैसे लोन ले सकता है। समिति प्रबंधक और कर्मचारियों की कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में आती है । पूरे मामले में शाखा प्रबंधक डबल सिंह गिरयाम, खाद्य प्रभारी शशि सिंह राजपूत और गांव के ही प्यारेलाल महोबिया की मिलीभगत सामने आई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मृतक के पुत्र ने सिवनी पुलिस अधीक्षक के पास भी शिकायत दर्ज कराई है परंतु फर्जी लोन के मामले में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। यह पूरा मामला आदिवासियों के अधिकारों का हनन और शासन प्रशासन की लापरवाही का प्रतीक बन गया है इसमें निष्पक्ष जांच कराई जाए और सभी दोषियों पर करवाई हो यह भ्रष्टाचार न केवल समुदाय के विश्वास को तोड़ता है बल्कि देश की न्याय प्रणाली की सफलता को भी उजागर करता है ।।