लोकायुक्त का शिकंजा: रिश्वत लेते पकड़ा गया एसडीएम का ड्राइवर, भ्रष्टाचार पर कड़ी कार्रवाई

जबलपुर

लोकायुक्त पुलिस ने मंगलवार को जबलपुर के भिटोनी तहसील कार्यालय में एसडीएम शहपुरा के ड्राइवर सुनील कुमार पटेल को 1.5 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। आरोपी ने आवेदक संग्राम सिंह से एसडीएम द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस को समाप्त करने के लिए कुल 3 लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी। लोकायुक्त की इस कार्रवाई से प्रशासनिक कार्यालयों में भ्रष्टाचार को लेकर एक सख्त संदेश गया है।

बासमती धान भंडारण का मामला

यह मामला ग्राम खामदेही में एक एकड़ जमीन पर बासमती धान के भंडारण से जुड़ा है। इस जमीन पर तहसीलदार ने 28 अक्टूबर को निरीक्षण कर पंचनामा तैयार किया था। इसके बाद एसडीएम कार्यालय शहपुरा से संग्राम सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। नोटिस में जमीन पर भंडारण के संबंध में जवाब मांगा गया था।

संग्राम सिंह ने नोटिस को रद्द करवाने के लिए एसडीएम कार्यालय से संपर्क किया। इसी दौरान ड्राइवर सुनील कुमार पटेल ने 3 लाख रुपए की मांग की। संग्राम सिंह ने रिश्वत की इस मांग की शिकायत लोकायुक्त पुलिस से की।

रिश्वत मांगने की पुष्टि के बाद लोकायुक्त का ट्रैप ऑपरेशन

लोकायुक्त पुलिस ने शिकायत का सत्यापन किया, जिसमें रिश्वत मांगे जाने की पुष्टि हुई। मंगलवार 17 दिसंबर को धनवंतरी नगर चौक पर आरोपी को पकड़ने के लिए ट्रैप ऑपरेशन चलाया गया। आरोपी ने जैसे ही 1.5 लाख रुपए की पहली किस्त ली, लोकायुक्त टीम ने उसे रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।

भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज

लोकायुक्त पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम 2018 की धारा-7 के तहत मामला दर्ज किया है। आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी गई है। साथ ही रिश्वत की राशि जब्त कर ली गई है।

आरोपी ड्राइवर को किया गया निलंबित

लोकायुक्त की कार्रवाई के तुरंत बाद जबलपुर के अपर कलेक्टर ने ड्राइवर सुनील कुमार पटेल को निलंबित कर दिया। निलंबन आदेश मध्य प्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील) नियम 1966 के तहत जारी किया गया।

एसडीएम शहपुरा का तबादला, नई नियुक्ति

कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना ने एसडीएम नदीमा शीरी को शहपुरा से हटाकर कलेक्ट्रेट में पदस्थ कर दिया। उनकी जगह प्रभारी डिप्टी कलेक्टर कुलदीप पाराशर को शहपुरा का प्रभार सौंपा गया है।

लोकायुक्त की टीम ने दिखाई सूझबूझ

इस कार्रवाई का नेतृत्व उप पुलिस अधीक्षक दिलीप झरवड़े ने किया। निरीक्षक कमल सिंह उईके, नरेश बेहरा और अन्य अधिकारियों की टीम ने सतर्कता और कुशलता से ऑपरेशन को अंजाम दिया।

भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त संदेश

लोकायुक्त की इस कार्रवाई ने सरकारी कार्यालयों में फैले भ्रष्टाचार पर कड़ा संदेश दिया है। आम जनता में इस कदम की सराहना हो रही है, और यह उम्मीद की जा रही है कि इससे अन्य भ्रष्ट अधिकारियों पर भी नकेल कसी जाएगी।।

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