एक ओर बाघिन करंट से बाघिन की मौत, पेंच टाइगर रिजर्व ने करी जांच शुरू

सिवनी

मध्य प्रदेश को बाघों की पहचान देने वाला पेंच टाइगर रिजर्व है पेंच टाइगर रिजर्व से आज एक और बाघिन की मौत की खबर निकलकर आ रही है । पेंच टाइगर रिजर्व में बाघों की मौत का सिलसिला कुछ महीनो से रुक नहीं रहा है बाघिन की मौत का कारण संभावित विद्युत करंट बताया जा रहा है बाघिन की मौत से पेंच टाइगर रिजर्व में वन्यजीव संरक्षण और उनकी सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पेंच टाइगर रिजर्व के लिए चिंता का विषय बन गया है लगतार हो रही बाघो की मौत की खबर। आखिर शिकारी वन विभाग की नजरों से छिपकर शिकार करने में कामयाब कैसे हो रहे हैं जबकि सरकार बाघ या बाघिन पर लाखों करोड़ो रुपए उनकी सुरक्षा पर खर्च कर रही है यही सिलसिला चारी रहा तो एक दिन पेंच नेशनल पार्क में टाइगर का नामोनिशान मिट जाएगा ।

पेज टाइगर रिजर्व के अनुसार मोगली अभ्यारण और ग्राम जोरेवाडा की सीमा पर एक मादा बाघिन का शव मिला है। बाघिन का शव मिलने से विभाग में हड़कंप मच गया। बाघो की लगातार हो रही मौत एक चिंता का विषय भी बनता जा रहा है ।

पेंच टाइगर रिजर्व के उपसंचालक रजनीश कुमार सिंह ने प्रेस नोट जारी करते हुए यह बताया कि मृत बाघिन की उम्र लगभग 4 – 5 वर्ष थी। घटना स्थल से विधुत करंट लगाने के कुछ सामग्री मिली है जिस कारण करंट से बाघिन की मौत हुई है यह संभावना प्रथम दृष्टि में विधुत करंट से बाघिन की मौत हुई है। यह पुख्ता आशंका है।

पेंच टाइगर रिजर्व के द्वारा बाघिन की मौत के कारणों की बारीकी से जांच की जा रही है उसके हर पहलू पर ध्यान दिया जा रहा है बारीक से बारीक सबूत का ध्यान रखा जा रहा है विभाग द्वारा जांच की जा रही है।दोषियों की पहचान कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है।

प्रारंभिक जांच में यह शक बताया जा रहा है की स्थानीय निवासियों के द्वारा जंगली जानवरों से अपनी फसल की सुरक्षा के लिए अवैध रूप से विद्युत करंट के तारों का जाल बिछाया जाता है जो इस बाघिन के लिए खतरनाक साबित हुए जिस कारण संभवत बाघिन की मौत हुई है ।।

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