– चौपाया वाहनों में फल विक्रेताओं द्वारा दोगुने दामों में बेचे जा रहे फल
– कोरोना संक्रमण सहित अन्य बीमारी से पीड़ित मरीजों को डॉक्टर फलों के सेवन की सलाह दे रहे हैं

सिवनी
जिले में एक बार फिर कोरोना आपदा को अवसर बनाते हुए फल विक्रेताओं ने आमजनों से लूट मचानी शुरू कर दी है। वहीं अप्रैल माह में इनके दाम ८० रुपए से लेकर १०० रुपए तक कर दिए गए हैं। इसी तरह के हाल फलों के भी किए गए हैं। फलों के दामों में भी बेहतासा वृद्धि कर ३० से ६० रुपए मिलने वाले फलों के मूल्य अब ८० से १२० रुपए प्रति किलो विक्रय किए जा रहे हैं ।।
कोरोना महामारी के बीच लोगों के लिए दोहरी आफत बन गई है महंगाई और इससे लोगों को निजात दिलाने के लिए सरकारी व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है ।।
उपभोक्ताओं के लिए बड़ी आफत-
कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते जिला प्रशासन द्वारा किए गए लॉकडाउन के कारण इन दिनों फल व सब्जी बाजार के साथ ही अन्य सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद हैं। उपभोक्ताओं को राहत पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन ने ठेलों में फलों को छूट दी है, लेकिन यह छूट आम उपभोक्ताओं के लिए और घातक साबित हो रही है।।
कोरोना महामारी के बचाव कार्य में व्यस्त अधिकारियों का इस ओर बिलकुल भी ध्यान नहीं है। पिछले बार लॉक डाउन में जिस तरह से अधिकारियों ने सभी का मूल्य निर्धारण किया था, लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं किया जा रहा है। इन सब बातों का खामियाजा मजबूरी में लोगों को अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई गंवा कर भुगताना पड़ रहा है।।
आसमान छू रहे फलों के दाम-
फलों के दाम आसमान छू रहे हैं। फल इतने महंगे कि आम आदमी की पहुंच से दूर हो गए हैं। इसके पीछे कारण बताया जा रहा है कि मंडी में फल बाहर से आते हैं, लेकिन लॉकडाउन लगा हुआ है, जिससे फलों के आवक कम हो रही है। यही वजह है कि फल महंगे दामों में मिल रहे हैं। वहीं फलों के महंगे होने के पीछे एक कारण यह भी बताया जा रहा है कि कोरोना संक्रमण सहित अन्य बीमारी से पीड़ित मरीजों को डॉक्टर फलों के सेवन की सलाह दे रहे हैं, जिससे फलों की डिमांड ज्यादा बढ़ गई है। संतरे 100 से 130 रूपये किलो, अंगूर 80 से 100 रूपये किलो, सेब 200 से 260 रूपये किलो, आम 80 से 100 रूपये किलो में बिक रहे हैं।।